द लीडर हिंदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट के कम से कम सात मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से दो मरीजों की मौत हो गई है. डॉक्टरों के अनुसार, उनको कोरोना का कोई भी टीका नहीं लगा था.
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टीका नहीं लगवाने वाले 2 संक्रमितों की मौत
बता दें कि, तीन मरीज, जो टीके की एक या दोनों डोज ले चुके थे वे ठीक हो गए हैं. बाकी दो का भी टीकाकरण नहीं हुआ था, लेकिन वह संक्रमण को हराने में कामयाब रहे. इनमें से एक 22 साल की महिला और दूसरी दो साल की बच्ची है.
सातों मरीजों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था
रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी सात मरीजों का पिछले महीने कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था. इसके बाद जून में उनमें डेल्टा प्लस वेरिएंट पाए जाने की पुष्टि हुई. इनमें से तीन मरीज भोपाल से, दो उज्जैन से और एक-एक रायसेन व अशोक नगर जिले से हैं.
कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट डेल्टा या ‘बी.1.617.2’ वेरिएंट से परिवर्तित होकर बना है. इसे भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान पहचाना गया था.
मौजूदा टीका ‘डेल्टा प्लस’ के खिलाफ भी कारगर
मध्य प्रदेश के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि लोगों को वर्तमान में लगाए जा रहे कोविड रोधी टीके महामारी के इस नए प्रकार के खिलाफ भी कारगर हैं.
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परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि, राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के पांच मामलों में से तीन मरीजों ने कोविड-19 रोधी टीका पहले ही लगवा रखा था और उन्हें कोरोना वायरस के इस प्रकार के संक्रमण के बाद भी अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी. इसका मतलब टीका इस स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी है.
देश में इस वेरिएंट के मामलों की तादाद काफी कम
उन्होंने कहा कि, दिल्ली में एनसीडीसी के एक अधिकारी ने हमें बताया है कि डेल्टा प्लस की संक्रामकता अपेक्षाकृत ज्यादा है. हालांकि, फिलहाल देश में इस वेरिएंट के मामलों की तादाद काफी कम है.
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लिहाजा अभी यह भविष्यवाणी कर पाना सही नहीं होगा कि आबादी पर कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप के क्या परिणाम होंगे?