The Leader. यूपी के प्रयागराज में जब बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ अशरफ़ को मुआयने के लिए पुलिस मेडिकल कॉलेज ले गई, वहां उन पर हमला हुआ और मौत के घाट उतार दिया गया. दोनों भाईयों का लाइव मर्डर हुआ है. जब उन पर गोलियां बरसाई गईं तो दोनों पुलिस कस्टडी में मीडिया से बात कर रहे थे. अतीक के मुंह से इतना ही निकला कि पुलिस बेटे के सुपुर्द-ए-ख़ाक में नहीं ले गई तो नहीं गए. अशरफ़ ने गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया. इसी बीच फायर की आवाज़ आई. पहली गोली अतीक की बायीं कनपटी से सटाकर चलाई गई. गोली लगने पर वो ज़मीन पर गिर गया. अशरफ़ ने संभालने की कोशिश की तो उस पर भी गोलियां बरसाई गईं. शूटर तब तक फायर दाग़ते रहे, जब तक कि मुतमईन नहीं हो गए कि दोनों भाईयों का अंत हो गया. इसे लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है.
सीएम के माफ़िया को मिट्टी में मिलाने के एलान पर काम शुरू-अतीक का बेटा असद और शूटर ग़ुलाम ढेर
अतीक और अशरफ़ को शूट करने के बाद तीनों शूटर ने भागने की कोशिश नहीं की. पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. मौक़ा-ए-वारदात में पुलिस के आला अफसर भी पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लखनऊ में आवास पर इमरजेंसी मीटिंग की है. यूपी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. प्रयागराज के घटनाक्रम पर नज़र रखने के लिए सचिव गृह संजय प्रसाद को भेजा गया है. धारा 144 भी लागू कर दी गई है.
अतीक अहमद की बहन बोलीं-मिट्टी में मिलाने का मतलब सड़क पर गोली मारना तो नहीं
ख़बर यह भी है कि अतीक और अशरफ की मौत के बाद शाइस्ता, जिसे पुलिस दिनभर तलाश करती रही, वो भी प्रयागराज मेडिकल कॉलेज पहुंच गई हैं. इस बड़ी वारदात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अखिलेश यादव, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन के अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और कांग्रेस के नेताओं की तरफ से भी कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. सभी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है.