द लीडर। उत्तराखंड समेत कई राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। जिसको लेकर सभी पार्टियां जोरों शोरों से लगी भी हुई है। लेकिन चुनावी मौसम में नेता दल बदलने में भी लगे है। बता दें कि, उत्तराखंड विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य आज दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेकर दोनों नेताओं ने घर वापसी कर ली है।
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दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में यशपाल और संजीव आर्य ने वापसी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।
उत्तराखंड सरकार में मंत्री हैं यशपाल आर्य
बता दें कि, उत्तराखंड परिवहन मंत्री यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। वहीं यशपाल आर्य पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री थे और उनके पास छह विभाग थे। जिसमें परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग शामिल थे। वहीं मंत्री यशपाल आर्य और बेटे संजीव आर्य ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की।
2007 में यशपाल ने ज्वॉइन की थी भाजपा
यशपाल और संजीव आर्य ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने तब दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया। यशपाल आर्य छह बार विधायक रह चुके हैं। यशपाल पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। यशपाल आर्य पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे। वह पहले भी काफी समय तक कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं।
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दो कांग्रेसी और एक निदर्लयी भाजपा में हुए शामिल
बता दें कि, चुनाव से पहले नेताओं का दल बदलना जारी है। हर कोई अपने फायदे के लिए पार्टियां बदल रहा है। गढ़वाल मंडल से कांग्रेस विधायक राजकुमार व प्रीतम सिंह पवार के बाद कुमाऊं मंडल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इस समय कैड़ा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बड़े नेताओं से मुलाकात में लगे हुए हैं। जहां भाजपा तमाम विधायकों को अपने पाले में कर राज्य में सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने में जुटी है।
हरीश रावत ने दोनों नेताओं का किया स्वागत
इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि, भाजपा के समय भी यशपाल आर्य को महत्व दिया गया। उनके पास महत्वपूर्ण विभाग रहे। वहीं यशपाल आर्य के बेटे होने के नाते संजीव आर्य ने अपनी अलग पहचान बनाई। कहा कि सहकारिता के प्रदेश के चेयरमैन रहे और युवा नेता संजीव आर्य ने अपनी अलग सख्सीयत बनाई है। यशपाल आर्य और संजीव आर्य का कांग्रेस में तहे दिल से स्वागत है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और विधायक संजीव आर्य के कांग्रेस में शामिल होने पर देहरादून स्थित कांग्रेस भवन में आतिशबाजी की व एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर कांग्रेसियों ने जश्न मनाया।
दल बदल की सियासत बन गई परंपरा
उत्तराखंड में चुनाव से पहले दल बदल की सियासत एक परंपरा बन गई है। भाजपा ने पिछले दो माह में तीन विधायकों को पार्टी में शामिल करा लिया है। इसकी शुरुआत धनौल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार से हुई। जिन्होंने साढ़े चार साल बाद अचानक भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद पुरोला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते राजकुमार ने भी भाजपा को अपना लिया। विधायकी को लेकर उठे बवाल के बीच उन्होंने अपनी विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद चार दिन पहले भीमताल सीट से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा को भी भाजपा ने पार्टी में शामिल करवा लिया।
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कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रहे कैड़ा ने वर्ष 2012 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए दान सिंह भंडारी को टिकट थमा दिया था। तब कैड़ा ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अब जब वह नया ठौर तलाश रहे थे, तब भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल कराकर बाजी मार ली। जबकि कैड़ा कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाते थे। पार्टी के दिग्गज नेता खुले मंच से कई बार इस बात को कह चुके हैं कि भाजपा सहित तमाम दूसरी पार्टियों के असंतुष्ट नेता उसके संपर्क में हैं। यहां तक कि कुछ बागियों को लेकर भी दावे किए जा रहे हैं। लेकिन पार्टी ऐसे नामों का खुलासा करने से बच भी रही है।
गोदियाल बोले- पुराने कांग्रेसियों के दम पर चल रही बीजेपी सरकार
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की सरकार पुराने कांग्रेसियों के दम पर ही चल रही है। धामी कैबिनेट में कांग्रेस से आयात किए गए नेता बहुतायत में हैं। अगर मुख्यमंत्री का यह कहना कि, कांग्रेस में लीडरशीप की कमी है, तो उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि वह चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की ओर ही नजर क्यों बनाए रखते हैं। यह कहना है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का। रविवार को कांग्रेस मुख्यालय भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि, भाजपा सरकार की कैबिनेट में तमाम पुराने कांग्रेसी हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि लीडरशीप की कमी कांग्रेस में नहीं भाजपा में है। कांग्रेस के नेताओं को आयात करके उन्होंने सरकार बनाई और आज भी उनकी कैबिनेट कांग्रेस से आयात किए गए नेताओं के दम पर चल रही है। गोदियाल ने कहा कि एक तरफ भाजपा यूथ की बात करती है, जबकि उसके लिए कोई रोजगार नहीं है।
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बीजेपी सरकार में बातें ज्यादा और काम कम हो रहा
दूसरी तरफ भाजपा किसानों की बात करती है तो उधर उनकी हत्याएं हो रही हैं। तीसरी तरफ अच्छे दिनों की बात करती है, तो प्रदेश का आम आदमी तमाम तरह की समस्याओं से त्रस्त है। महंगाई सातवें आसमान पर है, पेट्रोल-डीजल के दाम सौ रुपये के पार हो गए। राशन, दालों और खाद्य तेलों के दाम आम आदमी की जेब से बाहर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी से उम्मीद थी कि वह बातें कम और काम ज्यादा करेंगे, लेकिन ठीक उसके उलट वह केवल बातें कर रहे हैं, काम कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी अब भाजपा के जुमलों में फंसने वाला नहीं है। इस बार विस चुनाव में स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा कितने पानी में है।