जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों पर लाठीचार्ज का मामला, DGP ने दिए तत्काल कार्रवाई के आदेश

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द लीडर हिंदी, श्रीनगर। मुहर्रम का पारंपरिक जुलूस कवर कर रहे पत्रकारों के जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को एक समूह पर लाठीचार्ज किया. पुलिस ने शहर के जहांगीर चौक पर मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे कुछ शिया मुसलमानों को हिरासत में भी लिया. पत्रकारों का कहना है कि, इस दौरान मीडिया कर्मी सिर्फ अपना काम कर रहे थे कि तभी पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया. वहीं अब इस मामले में जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने मुहर्रम के जुलूस के दौरान पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया.

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डीजीपी दिलबाग सिंह ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि, डीजीपी जम्मू-कश्मीर दिलबाग सिंह ने कल श्रीनगर में कुछ मीडियाकर्मियों के साथ अवांछनीय व्यवहार को गंभीरता से लिया. श्रीनगर के SSP ने दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

दरअसल मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन पारंपरिक मुहर्रम जुलूस अबी गुजर, लाल चौक और डलगेट इलाके से गुजरता है, लेकिन वर्ष 1990 के दशक में आंतकवाद की शुरुआत होने के बाद से इस पर रोक लगी है, क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि, धार्मिक समागम का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है.

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जुलूस कवर कर रहे पत्रकारों पर लाठीचार्ज

इन मीडियाकर्मियों में अधिकतर फोटो और वीडियो पत्रकार ही मौजूद थे, जो जुलूस को कवर कर रहे थे. तभी पुलिस ने इन पर लाठीचार्ज कर दिया. पत्रकारों का कहना है कि, पुलिसकर्मियों ने कुछ पत्रकारों को डंडों से पीटा और उनके उपकरणों को नुकसान पहुंचाया. इस घटना के वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर अपलोड किए गए हैं. इस घटना के वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए. पत्रकारों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया.

मुहर्रम के आठवें दिन निकाला जा रहा था जुलूस

मुहर्रम के 10 दिन के शोक की अवधि के आठवें दिन को मनाने के लिए जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे शहर के जहांगीर चौक पर पुलिस ने कुछ शिया शोकसभाओं को हिरासत में लिया. जैसे ही मीडियाकर्मी, ज्यादातर फोटो और वीडियो पत्रकार, अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, पुलिस हरकत में आई और उन पर लाठीचार्ज किया.

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मोहर्रम महीने से इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत

इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत मोहर्रम महीने से होती है, यानी कि मुहर्रम का महीना इस्‍लामी साल का पहला महीना होता है, इसे हिजरी भी कहा जाता है. हिजरी सन् की शुरुआत इसी महीने से होती है, यही नहीं मुहर्रम इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक है. इस बार मुहर्रम का महीना अंग्रेजी की तारीख 11 सितंबर से शुरू हो रहा है जो कि 9 अक्‍टूबर तक रहेगा.

मामले पर महबूबा मुफ्ती ने पूछे ये सवाल ? 

वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर कहा कि, मीडिया अफगानिस्तान में पैदा हो रहे संकट और मानव त्रासदी पर घंटों बहस कर रहा है, लेकिन क्या वह कश्मीर में अपने ही समुदाय के उन सदस्यों के लिए आवाज उठाएगा, जिन्हें सुरक्षाबलों ने अपना काम करने पर आज बुरी तरह पीटा? जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) ने बयान जारी कर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. सज्जाद लोन की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी घटना की निंदा की है. अपनी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुलाम हसन मीर ने मीडियाकर्मियों की पिटाई को अलोकतांत्रिक करार दिया.

उमर अब्दुल्ला ने पुलिस की कार्रवाई को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

इस बीच नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, पुलिस की यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो.

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