मणिपुर में बारिश से सैन्य कैंप के पास लैंडस्लाइड, अब तक 14 की मौत, 72 से ज्यादा लापता

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द लीडर | मणिपुर में भूस्खलन से प्रादेशिक सेना के सात जवानों सहित 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग लापता हैं। यह भीषण हादसा बुधवार रात नोनी जिले के तुपुल यार्ड रेलवे कंस्ट्रक्शन कैंप के पास हुआ। खराब मौसम और लगातार तेज़ बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्य में परेशानी हो रही है। अधिकारियों ने कहा है कि अब तक आठ शव निकाले जा चुके हैं। इनमें सात शव प्रादेशिक सेना के जवानों के हैं। मलबे में लगभग 72 लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिसमें प्रादेशिक सेना के 43 जवान शामिल हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य सरकार और रेलकर्मी मणिपुर के नोनी में भूस्खलन प्रभावित तुपुल स्टेशन की इमारत में बचाव कार्य में जी जान से लगे हुए हैं।

रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान घटी घटना

जानकारी के मुताबिक जिरीबाम को इंफाल से जोड़ने के लिए एक रेलवे लाइन का निर्माण हो रहा था जिसकी सुरक्षा के लिए 107  टेरिटोरियल आर्मी के जवानों को तैनात किया गया था। बुधवार रात को वहां पर भारी भूस्खलन हुआ। जिसमें कई जवान दब गए। गुरुवार सुबह सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस की ओर से बड़े पैमान पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। जिसमें साइट पर उपलब्ध इंजीनियरिंग उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है।

नोनी के डिप्टी कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी

नोनी के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है कि टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन के कारण 50 से अधिक लोग मलबे के अंदर दब गए हैं जबकि दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। इजेई नदी का प्रवाह भी मलबे से बाधित हो गया है, भंडारण की स्थिति अगर भंग हुई तो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में कहर बरपाएगा।

बीरेन सिंह ने किया मौके का दौरा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन की स्थिति का जायजा लेने के लिए तुपुल का दौरा किया। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे स्थिति का आकलन करने के लिए बुलाया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ की एक टीम बचाव अभियान के लिए पहले ही साइट पर पहुंच चुकी है।

मृतकों के परिजनों को पांच लाख की अनुग्रह राशि

मुख्यमंत्री ने आपातकालीन बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मारे गए लोगों के स्वजन को पांच-पांच लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। भूस्खलन के बाद बड़े पैमाने बिखरे मलबे ने इजेई नदी के बहाव को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे आसपास के निचले इलाकों में पानी भर सकता है। नोनी प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि भूस्खलन के कारण दर्जनों लोग जिंदा दफन हो गए हैं। इजेई नदी का प्रवाह भी मलबे से बाधित हो गया है। इससे जिले के निचले इलाकों में पानी भरने से स्थिति गंभीर हो सकती है। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बढ़ते खतरे को देखते हुए बच्चों को नदी के आसपास नहीं जाने को कहा गया है। इसके साथ ही नदी के आसपास रह रहे लोगों को अपने घरों को खाली करने को भी कहा गया है।