अपनी ही सरकार पर निशाना, कहा- प्राइवेट अस्पतालों को ऑक्सीजन देने से रोका गया

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन सप्लाई का संकट खड़ा हो गया है. वहीं दूसरी तरफ मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा है.

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प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीज बेहाल

कौशल किशोर ने कहा है कि, प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों का हाल बेहाल है. कुछ की मौतें भी हो रही हैं. ऑक्सीजन प्लांट के कुछ मालिकों ने उनसे बताया कि, ड्रग इंस्पेक्टर ने प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस देने पर रोक लगा रखी है. मालिकों ने बताया कि कहा गया है कि केवल सरकारी अस्पतालों में ही ऑक्सीजन सप्लाई करें, प्राइवेट अस्पतालों में ना दें.

ऑक्सीजन गैस प्लांट के दो मालिकों ने बताई ये बात

बीजेपी सांसद ने कहा कि, प्राइवेट अस्पतालों में मरीज मर रहे हैं तो मरने दे. यह बात ऑक्सीजन गैस प्लांट के दो मालिकों ने मुझसे बताई है. इसके अलावा सैकड़ों लोग मुझे रोज फोन करके ऑक्सीजन की डिमांड कर रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों को अस्पताल के मालिक उन्हें अस्पताल से भगा रहे हैं.

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मना नहीं किया है तो ऑक्सीजन मिल क्यों नहीं रही?

कौशल किशोर ने कहा कि, जब मैंने ड्रग इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि, मैंने किसी को मना नहीं किया. ऑक्सीजन प्लांट के मालिकों को अगर मना नहीं किया गया तो फिर गैस क्यों नहीं मिल रही?

कौशल किशोर का प्लांट मालिकों से आग्रह

प्लांट मालिकों से मेरा आग्रह है कि, प्राइवेट अस्पतालों और आम लोगों को जिनके मरीज घर में क्वारंटाइन है, उनको ऑक्सीजन दें. ऑक्सीजन की सप्लाई डिमांड के अनुसार पूरी करें, लोगों की जान बचाएं. अगर कोई आप पर दबाव डालता है तो जिलाधिकारी और मुझे सूचित करें.

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चंदन अस्पताल में भी ऑक्सीजन कुछ घंटे की बची

बता दें कि, लखनऊ के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जू रहे हैं. मेयो अस्पताल के बाद चंदन अस्पताल में भी मरीजों को आक्सीजन सप्लाई करने के मामले में अपनी मजबूरी ज़ाहिर करते हुए यह कहा है कि, फ़िलहाल अस्पताल में 110 मरीज़ों को आक्सीजन दिया जा रहा है, लेकिन अब आक्सीजन सप्लाई करने वाली संस्थाएं उन्हें सप्लाई देने से मना कर रही हैं और अब उनके पास सिर्फ 4 घंटे कहीं ऑक्सीजन बचा है.

सरकार से इस समस्या को दूर करने की गुजारिश

चंदन अस्पताल में फिलहाल 158 बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें 110 मरीज़ ऐसे हैं जिन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही है, लेकिन अस्पताल प्रशासन का यह कहना है कि, अब उनके लिए आगे मरीजों का इलाज कर पाना कम से कम ऑक्सीजन के जरिए संभव नहीं हो पाएगा. जिसको लेकर उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि सरकार जल्द आक्सीजन की समस्या को दूर करे.

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मेयो ने चिपका दिया था नोटिस

बता दें कि, बुधवार को मेयो अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी का नोटिस चिपका दिया गया था. इसके बाद ऑक्सीजन पर चल रहे मरीजों की जान आफत में आ गई. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से तीमारदारों से अपने मरीज़ों को दूसरे अस्पतालों में ले जाने को कहा गया. मेयो अस्पताल की तरफ से सीएमओ को चिट्ठी भी लिखी गई. इसमें ऑक्सीजन की कमी को लेकर जल्द से जल्द सप्लाई देने की मांग की गई.

कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की दिक्कत

मेयो अस्पताल ही नहीं शहर के दूसरे अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की किल्लत जानलेवा स्थिति तक पहुंच गई. लखनऊ के गोमतीनगर वास्तुखंड के मेकवेल अस्पताल में भी ऑक्सीजन की दिक्कत हो गई.

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