वसीम अख्तर
द लीडर : टेस्ट क्रिकेट में ऐसे मैच कम ही देखने को मिले हैं. जब कमजोर आंकी जाने वाली टीम के खिलाड़ियों ने अपने हौसले और दिलेरी से मजबूत टीम को पस्त कर दिया हो. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर मेजबान ऑस्ट्रेलिया तीसरे टेस्ट के अंतिम का खेल शुरू होने से पहले जीत की दहलीज पर खड़ी दिख रही थी. भारतीय टीम के आठ विकेट शेष थे.
रोहित शर्मा और शुभमन गिल तीसरे दिन ही पवेलियन लौट चुके थे. पांचवे दिन उसे 407 रन का विशाल स्कोर चेज करना था. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाद पहली इनिंग से ही चढ़े हुए थे. उस पर सितम ये कि भारत के चार प्रमुख खिलाड़ी चोटिल थे. ऐसे में मैच का नतीजा क्या आने वाला है, साफ नजर आ रहा था. लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने तो कुछ और ही ठान रखा था.
उन्होंने अपने खेल से दिखा दिया कि तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी वे हार मानने वाले नहीं हैं. जब हारा हुआ मैच बराबरी पर खत्म हुआ तो टीम के प्रशंसक खुशी से उछल पड़े और समीक्षक घायल भारतीय शेरों को सेल्यूट करने में लग गए. यकीनन विदेशी धरती पर ये ऐसा प्रदर्शन था, जो भारत के खेल प्रेमियों का सीना लंबे वक्त तक चौड़ा करता रहेगा.
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सोमवार की सुबह जब पांचवें दिन का खेल शुरू हुआ तो जिन कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे से लंबी और करिश्माई पारी की उम्मीद की जा रही थी. वह अपने स्कोर में एक भी रन जोड़े ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज लियन का शिकार बनकर पवेलियन लौट आए. सारी जिम्मेदारी चेतेश्वर पुजारा के कांधों पर आ गई.
अजिंक्य के आउट होने पर घायल ऋषभ पंत मैदान पर आए तो दर्शकों के साथ टीवी पर मैच देख रहे लोग भी अचंभे से भर गए. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को उम्मीद थी कि घायल पंत उनका सामना ज्यादा देर तक नहीं कर पाएंगे. पहली इनिंग में गेंद लगने से उनकी कलाई में चोट लगी थी, जिसकी वजह से वह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी इनिंग में विकेट कीपिंग के लिए मैदान पर नहीं आ सके थे.
ये जिम्मेदारी साहा को संभालनी पड़ी थी. इस सबके बावजूद पंत कुछ और ही कर गुजरने की तैयारी में थे. मैदान पर आने के बाद पंत ने अाक्रामक रुख दिखाते हुए जबर्दस्त शाट खेले. दूसरे छोर पर पुजारा संभलकर खेलते रहे. पंत ने तीन छक्के और 12 चौकों की मदद से जब 97 रन बनाए तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को भी लगने लगा कि मैच उनके पंजे से निकलकर भारत की झोली में पहुंच गया है.
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अगर पंत थोड़े और जोश के साथ हौसला दिखा जाते तो नतीजा भारत के पक्ष में आ जाता. पंत और पुजारा के बीच 148 रन की साझेदारी से यह लग भी रहा था लेकिन पंत के आउट होते ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज फिर से रंग में आ गए. पंत के बाद पुजारा भी 77 रन पर आउट हो गए.
जब भारतीय टीम पर हार का खतरा मंडरा रहा था तो मांसपेशियों में खिंचाव के बावजूद हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन पिच पर ऐसे जमे कि कंगारू गेदबाज पसीना-पसीना हो गए. विहारी और अश्विन मिलकर 48 ओवर खेल गए. इस तरह दोनों संभावित हार को टालकर टेस्ट ड्रा कराने में कामयाब हो गए.
मैच खत्म होने पर पृथी ने ट्वीट कर बताया कि उनके पति अश्विन से सुबह सोकर उठने पर खड़ा नहीं हुआ जा रहा था. उन्हीं अश्विन ने पिच पर खड़े रहकर 128 गेंद यानी 21 से ज्यादा ओवर तक बल्लेबाजी की.
मैच खत्म होने पर दुनियाभर में भारतीय बल्लेबाजों के खेल को सराहा जाने लगा. क्रिकेट के महान खिलाड़ियों ने पंत के साथ पुजारा, विहारी, अश्विन की खूब तारीफ की है. सिडनी ग्राउंड पर खेले गए इस मैच में खराब और अच्छे सभी तरह के रंग दिखाई दिए. यह मैच ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की मुहम्मद सिराज पर नस्लीय टिप्पणी को लेकर भी याद किया जाएगा, जिसके लिए आइसीसी ने कड़ा रुख अपनाया और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस को कार्रवाई करना पड़ी.
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अब शुक्रवार को ब्रिस्बेन में सीरीज का निर्णाक मैच खेला जाएगा. चार टेस्ट मैच की सीरीज में दोनों टीम 1-1 से बराबरी पर हैं. भारत अगर अंतिम मैच भी ड्रा कराने में कामयाब रहा तो गावस्कर-बार्डर ट्राफी उसी के पास रहेगी. वैसे तीसरा टेस्ट ड्रा होने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ने ही टेस्ट रैंकिंग में अपने स्थान बनाए रखे हैं.