ईरान ने कहा, अमेरिका प्रतिबंध
हटाये तभी होगी कोई बात
तेहरान।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम होने से पहले कई बाधाएं हैं। अगले सप्ताह यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के साथ होने वाले परमाणु समझौते से पहले ईरान ने अमेरिका से सभी प्रतिबंध हटाने की मांग की है। अमेरिका ने संकेत दिए थे कि वह समझौते में शामिल होने का इच्छुक है लेकिन ईरान पुरानी शर्तें माने तभी पाबंदियां हटेंगी। ईरान लगातार अमेरिका पर धोखा करने के आरोप लगा रहा है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका ईरान पर लगे सभी प्रतिबंध हटाए, न कि उसे कई चरणों में हटाने की बात कहे। ईरान के ताजा रुख से पर फ्रांस ने आपत्ति जताते हुए तनाव न बढ़ाने की अपील की है।
अमेरिका डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस समझौते से 2018 में अलग हो चुका है। लेकिन अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर शामिल होने की इच्छा जताई है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आगामी मंगलवार को ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में अमेरिकी अधिकारियों की ईरान के अतिरिक्त समझौते में शामिल देशों- रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के अधिकारियों से वार्ता होगी।
वार्ता संबंधी खबर आने के बाद ईरान ने भी उसपर सकारात्मक प्रतिक्रिया जताई थी। लेकिन शनिवार को ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबजादे ने प्रतिबंधों को हटाने की चरणबद्ध प्रक्रिया पर असहमति जाहिर कर दी। कहा कि अमेरिका ईरान पर लगाए अपने सारे प्रतिबंध हटाए। उन्हें धीरे-धीरे हटाने का कोई मतलब नहीं है।
दो दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि इस दिशा में बात आगे बढ़ रही है। मंगलवार को इस मुद्दे पर बातचीत ऑस्ट्रिया में शुरू होगी। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ईरान के साथ करार में शामिल होना प्रशासन की प्राथमिकता है।
प्राइस ने कहा कि अगले सप्ताह की वार्ता कार्य समूहों के आसपास केंद्रित रहेगी जिसका गठन यूरोपीय संघ ने ईरान सहित समझौते में शामिल अन्य देशों के साथ किया है।
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ ने कहा कि ईरान और अमेरिका के अधिकारियों के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं है।
रूसी राजदूत मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि ऐसी धारणा बन रही है कि हम सही रास्ते पर हैं लेकिन आगे का रास्ता आसान नहीं होगा।