दरगाह, खानकाहों में लहराया तिरंगा, मदरसों में गूंजा आज़ादी का तराना

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Azadi Ka Amrit Mahotsav
आज़ादी का अमृत महोत्सव.

द लीडर : आज़ादी का 75वां जश्न यादगार बन गया. हर घर तिरंगा लहराया. वतन पर मर मिटने वालों की शान में तराने गूंजे. उमंग, उत्साह और देशप्रेम का ऐसा ख़ूबसूरत नज़ारा, जिसकी तस्वीरें बड़ी दिलकश हैं. दिव्यांग हों रेहड़ी, पटरी-फेरी वाले, दूधवाले-रिक्शाचालक, मज़दूर या फिर कोई बिज़नेसमैन ”आज़ादी का अमृत महोत्सव” सभी ने बड़ी शिद्​दत से मनाया. धर्म-जाति से परे हर एक शख़्स अपने हिंदुस्तानी होने पर फ़ख्र करता नज़र आया. (Azadi Ka Amrit Mahotsav)

मदरसा, दरगाह, खानकाहों से लेकर मुस्लिम बस्तियों तक जश्न छाया रहा. तिरंगा के साथ देशभक्ति के तराने गूंजते रहे. बरेली में आला हज़रत के मदरसा मंजरे इस्लाम में उलमा ने तिरंगा फहराया. देशभक्ति के तराने के साथ छात्रों ने आज़ादी के परवानों को याद किया. मुफ़्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने आज़ादी की तारीख़ और संघर्ष पर रौशनी डाली. आला हज़रत से जुड़े और दूसरे सभी मदरसों में जश्न की ऐसी ही बहार छाई रही.

आईएमसी के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने बरेली के सैलानी पर बज़्मे ग़ौस-ए-आज़म के कार्यक्रम में झंडारोहण किया. जहां भारी संख्या में लोग इस जश्न का हिस्सा बने. संगठन के अध्यक्ष मुहम्मद रज़ा नूरी, सचिव तमहीद यूसुफ़जई ने कार्यक्रम आयोजित किया. आईएमसी के प्रवक्ता मुनीर इदरीसी के मुताबिक मौलाना ने मदरसा और संगठनों के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. जहां आज़ादी के मतवालों को याद किया गया.

इसी तरह मदरसा रज़वी दारूल उलूम मजहर-ए-इस्लाम, पुराना शहर के सैलानी स्थित हबीबिया रजविया कमेटी, शाहदाना वली वेलफेयर सोसायटी ने दरगाह शाहदाना वली पर तिरंगा फ़हराया. बाकरगंज स्थित मदरसा जामिया नूरिया रज़विया में झंडारोहण किया गया. मौलाना डॉ. शकील ने जंगे आज़ादी की तारीख़ पर चर्चा की. (Azadi Ka Amrit Mahotsav)

दिनभर हिंदुस्तान ज़िंदाबाद की सदाएं, जोश-जुनून पैदा करती रहीं. और लोग अपनी आज़ादी को सेलिब्रेट करते रहे. यूं तो आज़ादी का हर जश्न ख़ास होता है, लेकिन इस बार का जश्न निराला रहा. पिछले कुछ अरसे से जिस तरह से मदरसों में राष्ट्रगान को लेकर विवाद पैदा किए जाते रहे हैं. इस बार के आज़ादी जश्न में उनकी तस्वीरों ने सारे जवाब दे दिए हैं. ये तस्वीरें पहले भी ऐसी ही हुआ करती थीं, लेकिन शायद उतनी शिद्​दत के साथ प्रचार-प्रसार नहीं होता था. लेकिन इस बार हर किसी ने आज़ादी के जश्न को सेलिब्रेट करती तस्वीरें आम की हैं.