टिहरी झील के पास बनी अवैध मस्जिद को बौराड़ी किया जा रहा शिफ्ट, जानें क्या है पूरा मामला ?

द लीडर। टिहरी डैम की झील के पास कथित तौर पर अवैध तरीके से बनाई गई मस्जिद के मामले में गुरुवार को एक बड़ा मोड़ देखा जा रहा है. आपसी सहमति के चलते इस मस्जिद को सांप्रदायिक सद्भाव के नज़रिये से शिफ्ट किए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है. मस्जिद से सामान और टीनशेड स्ट्रक्चर आदि को हटाया जा रहा है, जिसकी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. ज़िला प्रशासन और मस्जिद कमेटी के बीच में आपस की बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है, हालांकि अभी यह मामला अल्पसंख्यक आयोग में विचाराधीन है. आयोग के फैसले के बाद ही मस्जिद को पूरी तरह हटाने या बनाए रखने के बारे में निर्णय होगा.


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मस्जिद को किया जा रहा बौराडी शिफ्ट

प्रशासन ओर मस्जिद कमेटी के बीच आपसी सहमति के आधार पर हुए निर्णय के अनुसार मस्जिद को बौराडी शिफ्ट किया जा रहा है. साल 2001 में बनी इस मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि, यह अवैध तरीके से ज़मीन पर कब्ज़ा करके बनाई गई. इस मस्जिद के कारण डैम की सुरक्षा को लेकर लगातार हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद को शिफ्ट किए जाने की मांग की जा रही थी. इस मांग को लेकर कई बार उग्र आंदोलन भी हो चुके हैं.

अल्पसंख्यक आयोग में है मामला विचाराधीन

इस मामले को मस्जिद कमेटी अल्पसंख्यक आयोग में भी ले जा चुकी है और अभी मामला अल्प संख्यक आयोग में पेंडिंग है. लेकिन मस्जिद कमेटी द्वारा इसे आज शिफ्ट करने के बारे में खांडवाला मस्जिद कमेटी के प्रमुख मोहम्मद उसलाम ने कहा कि देशहित और सांप्रदायिक सद्भावना को बरकरार रखने के मकसद से यह शिफ्टिंग का रास्ता खोजा गया है. वहीं, हिंदू संगठनों के प्रमोद उनियाल और अक्षत बिजलवान ने इस कवायद को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण करार दिया और कहा कि अल्पसंख्यक आयोग के फैसले के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.


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उत्तराखंड के टिहरी से भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी प्रमोद उनियाल कहते हैं कि, टिहरी बांध के कामकाज के लिए एक कंपनी आई थी. उस कंपनी के मजदूरों में कुछ लोग मुस्लिम समुदाय से भी जुड़े थे. ये लोग दोबाटा के पास नमाज पढ़ने लगे. कंपनी चली गई और 2006 में झील का पानी बढ़ गया तो दोबाटा का वह क्षेत्र भी लबालब हो गया. टिहरी बांध से संबंधित कामकाज के लिए दूसरी कंपनी आई. अब इस कंपनी के मुस्लिम श्रमिकों ने खांडखाला के नजदीक नमाज पढ़ने की जगह तलाश ली.

‘पर्यटन विभाग की है यह जमीन’

डॉ. प्रमोद उनियाल ने बताया कि, ‘खांडखाला में नमाज के साथ ही अब टिन शेड डाल दिया गया. इसके साथ ही धीरे-धीरे ज्यादा जगह को घेरा जाने लगा. सवाल यह है कि, टिहरी बांध क्षेत्र बहुत संवेदनशील है. इसके बावजूद यहां पर इस तरह से सुरक्षा से खिलवाड़ कैसे किया जा सकता है. जिस जमीन पर टीन शेड डालकर यह अवैध कार्य किया जा रहा है, यह पर्यटन विभाग की है.

‘…तो हम खुद इस अतिक्रमण को हटा देंगे’

प्रमोद उनियाल ने कहा कि, हमने 20 दिन पहले इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन मेरे नेतृत्व में किया गया था. इस संबंध में हमने ज्ञापन दिया. नतीजा यह निकला कि संबंधित विभाग के अधिकारियों ने कहा कि, इस अतिक्रमण को हटाया जाएगा. हालांकि, इसका अबतक समाधान नहीं निकला. यदि निष्कर्ष नहीं निकलता है तो हम राष्ट्र सुरक्षा की दृष्टि से इसे खुद ही हटा देंगे. डॉ. प्रमोद उनियाल ने यह भी बताया कि, इस मामले में शासन-प्रशासन ने भी संवेदनहीनता बरती है. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की मौजूदगी में यह अतिक्रमण कैसे हो गया.


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रिपोर्टों के अनुसार, 2000 के दशक की शुरुआत में खंड-खाला कोटि कॉलोनी में साइट पर एक अवैध मस्जिद बनाई गई थी, जो बांध के करीब है और तब से हिंदू संगठनों ने इसे हटाने के लिए कई बार कोशिशें की है. हाल ही में, सितंबर 2021 के पहले सप्ताह में, स्थानीय हिंदुओं के एक समूह ने मस्जिद के खिलाफ नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू किया और 150 वर्ग मीटर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करने के प्रयासों को तेज किया. बता दें कि, 6 सितंबर को अक्षत और खंड-खाला कोटी कॉलोनी क्षेत्र के हिंदू समुदाय के अन्य सदस्यों ने पर्यटन विभाग को आवंटित भूमि का अतिक्रमण कर टिहरी बांध के पास बनाई गई अवैध मस्जिद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

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