कोई स्टूडेंट्स हिजाब पहनना चाहती है, तो यह उसकी पसंद है, शहाबुद्दीन रजवी ने किया JNU की कुलपति के बयान का समर्थन

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द लीडर हिंदी: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा है कि भारत में धर्म, भाषा और ‘ड्रेस कोड’ में एकरूपता कारगर नहीं है और अगर कोई स्टूडेंट्स हिजाब पहनना चाहती है, तो यह उसकी पसंद है और उसे इसकी इजाजत मिलनी चाहिए.इस बयान का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि JNU की कुलपति शांतिश्री डी पंडित के हिजाब पर दिए गए बयान का मैं समर्थन करता हूं.

हिजाब मुस्लिम महिलाओं का एक मजहबी लिबास है. इस लिबास पर हमेशा सम्प्रदायक ताकतें आपत्ति जताती रहती है. भारत में विभिन्न धर्मों और सम्प्रदाय के लोग रहते हैं. वो अपनी पसंद के मुताबीक खाना खाते और लिबास पहनाते हैं. बिल्कुल इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी मजहबी लिबास पहनते है. मगर भारत के मुसलमानों ने कभी भी उनके उपर ऐतराज नहीं जताया.क्योकि भारतीय संविधान ने हर एक व्यक्ति को इस बात की आज़ादी दी है कि वो अपनी पसंद के मुताबिक कपड़े पहने और अपनी पसंद के मुताबिक खाना खाएं. मगर चंद फिरका परस्त लोग हमेशा हिजाब को मुद्दा बनाते हैं.

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