द लीडर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार किसानों से अभी भी सख्ती से पेश आ रही है. रविवार को मुख्यमंत्री हिसार के एक कार्यक्रम में पहुंचे. उनका विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं. और आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से किसानों में भगदड़ मच गई. इसमें कईयों के चोटिल होने की बात सामने आ रही है. (Haryana Police Tear Gas Farmers Manohar Lal Khattar)
किसान, केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों से नाराज हैं. पिछले चार महीने से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान आंदोलनरत हैं. इसी परिप्रेक्ष्य में देश भर में आंदोलन हो चुके हैं. लेकिन महामारी की दूसरी लहर में राज्य-शहरों में विरोध का सिलसिला ठहरा है. दिल्ली के टीकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर, जहां किसान पहुले से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वहां विरोध जारी है.
हिसार में हरियाणा पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले छोड़े हैं.
किसान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के कार्यक्रम का विरोध करने हिसार आए थे. pic.twitter.com/Rf2cOjXqL5
— Mandeep Punia (@mandeeppunia1) May 16, 2021
रविवार को हिसार में मुख्यमंत्री का एक कार्यक्रम था. कृषि कानूनों से नाखुश किसानों ने मुख्यमंत्री के विरोध का फैसला किया. और कार्यक्रम स्थल के पास पहुंच गए. विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी के बीच पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया.
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मुख्यमंत्री हिसार में एक कोविड अस्पताल का शुभांरभ पहुंचे थे. स्थानीय प्रशासन को किसानों के विरोध का अंदाजा था. इसीलिए कार्यक्रम स्थल की नजदीकी सड़कों पर बैरिकेड की व्यवस्था की थी. किसान बैरिकेड हटाकर आगे बढ़े. लेकिन बाद में पुलिस ने किसानों को खदेड़ दिया.
हरियाणा सरकार किसान आंदोलन की शुरुआत से ही किसानों को लेकर कठोर रही है. दिसंबर में जब पंजाब से किसान दिल्ली आ रहे थे. तब भी हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया था. और सड़कें, हाईवे पर गहरे गड्ढे खोद दिए थे. ताकि किसान आगे न बढ़ सकें. किसानों के साथ इस तरह के व्यवहार को लेकर तब भी सरकार की काफी आलोचना हुई थी.
जब से किसान आंदोलन जारी है. हरियाणा में कई बार मुख्यमंत्री का विभिन्न जिलों में विरोध हो चुका है. और पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी है. पुलिस की कार्रवाई में कई किसानों के चोटें लगी थीं और मुकदमे भी दर्ज किए गए थे.