यति नरसिंहानंद की ज़मानत याचिका ख़ारिज, मुस्लिम लड़कियों की नीलामी करने वालों की भी ज़मानत नामंज़ूर

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Haridwar Dharam Sansad Narsinghanand
यति नरसिंहानंद सरस्वती.

द लीडर : हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने के मामले में आरोपी यति नरसिंहानंद सरस्वती की ज़मानत याचिका खारिज हो गई है. नरसिंहानंद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. हरिद्वार के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने उनकी बेल एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी है. दूसरी ओर मुंबई की एक अदालत ने बुल्ली-बाई एप पर मुस्लिम लड़कियों की नीलामी के 3 आरोपियों की ज़मानत नामंज़ूर कर दी है. (Haridwar Dharam Sansad Narsinghanand)

नरसिंहानंद सरस्वती को 15 जनवरी को ग़िरफ्तार किया गया था. इससे पहले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी जोकि यूपी शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं. उन्हें ग़िरफ्तार किया गया था. वसीम की भी ज़मानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है.

सनद रहे कि 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में धर्म संसद हुई थी. जिसमें कई साधु-संत शामिल हुए. इस संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ खुलेआम ज़हर उगला गया. यहां तक कि 20 लाख मुसलमानों के कत्लेआम तक का आह्वान किया गया था. (Haridwar Dharam Sansad Narsinghanand)

इस धर्म संसद के क़रीब एक महीने बाद दो आरोपी ग़िरफ़्तार हुए हैं. जितेंद्र नारायण और नरसिंहानंद. इनकी गिरफ्तारियां भी तब हुईं, जब सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब कर लिया.


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नरसिंहानंद के ख़िलाफ महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी का भी मामला दर्ज है. उनके विरुद्ध आइपीसी की धारा-295, 509, 323, 504, 153-ए के तहत केस दर्ज है. जबकि जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के विरुद्ध आइपीसी की धारा-153-ए, 298 के तहत केस पंजीकृत है. (Haridwar Dharam Sansad Narsinghanand)

हरिद्वार धर्म संसद ने पूरी दुनिया में भारत की छवि को आघात पहुंचाया है. और भारतीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर पूरी दुनिया भारत की ओर सवालिया नज़र से देख रही है.

बुल्ली बाई पर मुस्लिम लड़कियों की नीलामी

देश में जब धर्म संसद को लेकर हंगामा मचा था. उसी वक्त 1 जनवरी को बुल्ली बाई एप पर 100 से ज्यादा मुस्लिम लड़कियों की नीलामी का मामला सामने आया था. ये वो लड़कियां थीं, जो एक्टिविस्ट हैं-पत्रकार या दूसरे प्रोफेशन से जुड़ी हैं और अपने संवैधानिक अधिकारों को लेकर मुखर रहती है. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मुबई की एक अदालत ने तीन आरोपियों को ज़मानत देने से इनकार कर दिया है.  (Haridwar Dharam Sansad Narsinghanand)

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