कर्नाटक : लाडले अलंद दरगाह पर मंत्री की शुद्धिकरण पूजा से गुलबर्गा में सांप्रदायिक तनाव

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Gulbarga Aland Dargah Karnataka
गुलबुर्गा में तैनात पुलिस बल.

द लीडर : कर्नाटक में कम्युनल टेंशन आख़िर थम क्यों नहीं रही है. हिजाब विवाद, बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या पर बवाल के बाद अब गुलबर्गा की दरगाह को लेकर तनाव बना है. गुलबर्गा का अलंद शहर-जहां सूफी मखदूम अलाउद्​दीन अंसारी लाडले मशाइख की दरगाह है. केंद्रीय मंत्री भगवंत खुबा और भाजपा विधायक सुभाष गुट्टेदार के नेतृत्व में एक दक्षिणपंथी भीड़ ने दरगाह में शुद्धिकरण पूजा की. इसको लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. वाहनों में तोड़फोड़ जैसी हिंसक वारदात भी हुई. इस मामले में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के क़रीब 165 मुस्लिम लोगों को हिरासत में लिया है. (Gulbarga Aland Dargah Karnataka)

लाडले मशाइख की 14 शताब्दी में बनी थी. दरगाह कमेटी ने 1 मार्च को संदल जुलूस का आयोजन रखा था. दूसरी तरफ श्रीराम सेना और राइट विंग ने भी 1 मार्च को दरगाह परिसर स्थित एक पत्थर को शिवलिंग बताते हुए वहां पूजा और शुद्धिकरण का ऐलान कर दिया. विवाद की आशंका के बीच ज़िला प्रशासन ने धारा-144 लागू कर दी.

यहां आपको ये बता दें कि दरगाह परिसर स्थित एक पत्थर को लेकर गाह-बगाहे विवाद पैदा होता रहता है. दक्षिणपंथी ग्रुप वहां शिवलिंग का दावा करता है. एक मार्च को जब धारा-144 लागू थी. तब मंत्री की अगुवाई में भारी भीड़ शुद्धिकरण पूजा के लिए दरगाह पहुंची. जहां प्रशासन के साथ दोनों पक्षों में बात हुई. गुलबर्गा की एसपी ईशा पंत ने द लीडर हिंदी को बताया कि दोनों पक्षों के 10-10 लोग दरगाह परिसर में पूजा के लिए गए थे. (Gulbarga Aland Dargah Karnataka)


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हालांकि फिर भी विवाद नहीं थमा. और पथराव की नौबत आ गई. क्योंकि दोनों समुदायों की भारी भीड़ दरगाह के पास जमा थी. एसपी ईशा पंत कहती हैं कि जब दोनों पक्षों के 10-10 लोग दरगाह परिसर में चले गए. उसी वक़्त भीड़ ने वाहनों पर पथराव कर दिया. इसमें डीसी समेत पुलिस अफसरों के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है और कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं.

एसपी ईशा पंत ने बताया कि घटना के वक़्त क़रीब 3000-4000 हज़ार की भीड़ थी. इसमें 165 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. एसपी कहती हैं कि मंत्री दरगाह तक नहीं पहुंचे थे. उन्हें बस स्टैंड के पास ही रोक दिया गया था.
बहरहाल घटना के बाद पुलिस ने दरगाह से सटे मुस्लिम इलाकों में ताबड़तोड़ दबिश दी है. बताते हैं कि पुलिस कार्रवाई की दहशत में एक महिला और बुजुर्ग-दो लोगों की मौत भी हो गई. (Gulbarga Aland Dargah Karnataka)

गुलबर्गा के सोशल एक्टिविस्ट मुहम्मद रईस बताते हैं कि जिन 165 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. उनकी ज़मानत की पैरवी की जा रही है. दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन के साथ भी बातचीत जारी है.

मुस्लिम समुदाय के लोगों पर एकपक्षीय कार्रवाई के आरोपों को लेकर एसपी ईशा पंत ने कहा कि घटना में जो लोग शामिल थे. उन्हें ही चिन्हित किया गया है. इस मामले में दो एफआइआर दर्ज़ की गई हैं. गुलबर्गा में धारा-144 लागू होने के बीच मंत्री और भाजपा विधायक भीड़ के साथ मस्जिद परिसर में पूजा अर्चना करने कैसे पहुंचे-इसको लेकर एसपी ने कहा कि वह दरगाह तक नहीं पहुंचे थे. उन्हें पहले ही रोक दिया गया था.

महाराष्ट्र कैडर के पूर्व आईपीएस अब्दुर्रहमान ने गुलबर्गा की घटना पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत करने में मुसलमानों की भूमिका बेशक नहीं होती है. लेकिन अब तक जैसा होता रहा है कि इसके बाद बड़ी संख्या में मुसलमानों को ही गिरफ़्तार किया जाता है. गुलबर्गा में भी ठीक ऐसा ही हो रहा है. राज्य के तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों को आवाज़ उठानी चाहिए. (Gulbarga Aland Dargah Karnataka)

सनद रहे कि कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव है. और ये राज्य पिछले तीन महीनों से सुर्खियों में बना है. दिसंबर महीने में यहां के उडुप्पी ज़िले के कॉलेजों से हिजाब पर पाबंदी लगाना शुरू किया गया. मुस्लिम समुदाय इसके विरोध में उतरा. तो पूरे राज्य के स्कूल-कॉलेजों ये पाबंदी लगा दी गई. और अब ये मामला कर्नाटका हाईकोर्ट में है.

सिद्धालिंगा स्वामी जो श्रीराम सेना संगठन के सदस्य है-वह शिवलिंग की रक्षा के लिए राज्य सरकार से मस्जिद परिसर में मंदिर निर्माण की भी मांग उठा चुके हैं. उनका दावा है कि मस्जिद परिसर का ताल्लुक भगवान शिव से है. (Gulbarga Aland Dargah Karnataka)


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