Mahatma Gandhi ji’s great grand daughter लता ने खराब किया बापू का नाम, धोखाधड़ी में 7 साल की कैद

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द लीडर डेस्क। यकीन नहीं होता और तकलीफ भी होती है यह जानकर कि जिस दक्षिण अफ्रीका से भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से दबे कुचले लोगों के लिए अपनी अहिसंक जंग शुरू की थी, वहां की अदालत में सजा सुनने वाली इस महिला का नाता बापू के खानदान से है।

पर ये सच है कि आशीष लता नाम की जिस महिला को 62 लाख रैंड यानी करीब सवा तीन करोड़ की धोखाधड़ी और जालसाजी के जुर्म में दक्षिण अफ्रीका की अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई वह बापू की पड़पोती और प्रसिद्ध समाजसेवी इला गांधी की बेटी है। उसी का नाम है आशीष लता रामगोबिन।

महात्मा गांधी के दूसरे नंबर के बेटे मणिलाल गांधी की बेटी हैं प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता इला रामगोबिन। स्वर्गीय मेवा रामगोबिंन की पत्नी। ज्यादातर लोग उन्हें इला गांधी के रूप में ही जानते हैं। गांधी खानदान से जुड़े बाकी लोगों की तरह इला का भी खासकर अफ्रीका में बड़ा नाम है। जाहिर है परिवार के लिए लता की इस खबर से बुरा कुछ नहीं हो सकता।

सोमवार को डरबन की अदालत ने छह साल से चल रहे जालसाजी के मामले में 56 साल की लता रामगोबिंन को सजा सुनाई। आरोप था कि आशीष लता ने अपना खानदानी परिचय देकर एस आर महाराज  ग्रुप के साथ धोखाधड़ी की।

आशीष लता इंटर नेशनल सेंटर फॉर नॉन वॉयलेंस संस्था के एक प्रोग्राम की कार्यकारी निदेशक भी थीं। वह खुद को  समाज और पर्यावरण के लिए समर्पित बताती रही थीं । इस परिवार से जुड़े कीर्ति भाई मेनन, सतीश धुपेलिया,उमा धुपेलिया आदि की भी समाज सेवा के क्षेत्र में पहचान है।

इसलिए एस आर महाराज  ग्रुप ने उन पर यकीन किया। आशीष लता ने फर्जी दस्तावेज बना कर खुद को एक कंपनी से जुड़ा बताया और भारत से साउथ अफ्रीकन हॉस्पिटल ग्रुप नेट केयर के लिए लिनेन का एक कन्साइनमेंट मंगाने के नाम पर जूते चप्पल आदि के बड़े करोबारी महाराज से मोटी रकम ले ली।

महाराज  ग्रुप के निदेशक को उन्होंने कंपनी के फर्जी दस्तावेज और इनवॉयस भेज कर 62 लाख रैंड का भुगतान ले लिया। उनके साथ मुनाफा बांटने का भी एक समझौता किया। मामला अगस्त 2015 का है।

जब सच्चाई का पता चला तो महाराज ग्रुप कोर्ट पहुंच गया। तब कोर्ट ने लता तो गिरफ्तार कर 50000 रेंड की जमानत पर छोड़ा था। फिर पड़ताल के बाद लता के ख़िलाफ़ विधिवत अभियोग चला। उसी कड़ी में कल सजा सुनाई गई।

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