द लीडर : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग के लिए सुप्रीमकोर्ट का रुख किया है. हाल ही में कमिश्नर पद से हटाए गए परमबीर ने गृहमंत्री पर 100 करोड़ रुपये महीने की वसूली का आरोप लगाया है. परमबीर के इस कदम ने मुश्किल में घिरी उद्धव सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है. (Former Commissioner Parambir Supreme Court CBI Home Minister Anil Deshmukh)
मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। #ParambirSingh pic.twitter.com/icMyn3a5mb
— IANS Hindi (@IANSKhabar) March 22, 2021
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार गृहमंत्री ने गृहमंत्री का बचाव करते पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया था. शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के इस फैसले को डिफेंड करते हुए कहा कि अगर एनसीपी-प्रमुख शरद पवार ने तय किया है कि अनिल देशमुख पर लगे आरोपों में तथ्य नहीं हैं. और जांच होनी चाहिए तो इसमें गलत क्या है. आरोप तो हर नेता के ऊपर लगते हैं. सबका इस्तीफा लेकर बैठें तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने हाल ही में एक पत्र जारी किया था. इसमें आरोप लगाया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख इंस्पेक्टर सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली चाहते थे. ये वसूली बार, होटल और पार्लर से की जानी थी.
इंस्पेक्टर सचिन वाजे, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली एक विस्फोटक लदी कार के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. इस घटनाक्रम के बाद ही परमीबर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटाया गया था.
100 करोड़ वसूली में घिरे गृहमंत्री के बचाव में उतरी एनसीपी-शिवसेना, पूर्व कमिश्नर के पत्र की होगी जांच
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है. ये गठबंधन महाविकास अघाड़ी के नाम से जाना जाता है. गृहमंत्री अनिल देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस के कोटे से गृहमंत्री हैं.
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ”पूर्व कमिश्नर ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि फरवरी महीने में कुछ अधिकारियों ने उन्हें गृहमंत्री के वसूली वाले निर्देश की जानकारी दी थी. जबकि 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती थे.”
पवार ने कहा कि ”एटीएस मुख्य केस में सही दिशा में जा रही है. इसलिए जांच की दिशा भटकाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सच सामने आ रहा है.”
दरअसल, मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो विस्फोटक लदी कार मिली थी, उसके मालिक मनसुख हिरेन दो-तीन दिन बाद ही मृत पाए गए थे. इस मामले में मुंबई एटीएस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. शरद पवार इसी जांच के सही दिशा में जाने का उल्लेख करते हैं.
महाराष्ट्र : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर का आरोप, गृहमंत्री अनिल देशमुख चाहते थे हर महीने 100 करोड़ रुपये
मुकेश अंबानी के घर के बाहर गाड़ी में विस्फोटक के हाईप्रोफाइल मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी-एनआइए कर रही है. अब उसे मनसुख हिरेन की मौत मामले की जांच भी मिल गई. इस सबके बीच गृहमंत्री पर पूर्व पुलिस कमिश्नर के सनसनीखेज आरोप ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया है.
विपक्षी दल भाजपा गृहमंत्री के इस्तीफे पर अड़ी है. भाजपा नेताओं ने रविवार को कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस भी इस्तीफा मांग चुके हैं.
केंद्र सरकार में मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमें महाराष्ट्र सरकार को गिराने की जरूरत नहीं है. इतने आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं. सरकार अपने कारनामों से खुद ही गिर जाएगी और उसके बाद हम वहां सरकार बनाएंगे. अठावले का ये बयान एनसीपी के उस वक्तव्य के बाद सामने आया है, जिसमें सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया गया था.
महाराष्ट्र : 100 करोड़ रुपये महीना वसूली के आरोप में फंसे गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग
वहीं, एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि ”हमें लगता है कि परमबीर सिंह की चिट्ठी एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. परमबीर सिंह ने दिल्ली में किस-किस से मुलाकात की है. हमें उसकी जानकारी है. जांच के जरिये सच्चाई सामने आएगी.”
उन्होंने कहा कि ”उच्चाधिकारियों के माध्यम से एक चिट्ठी की जांच होगी. एक पत्र के आधार पर गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा जा रहा है. इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता, पार्टी ने फैसला किया है कि जांच होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.”