प्रतापगढ़ : लाउउस्पीकर से अजान के खिलाफ दो युवकों ने कथित रूप से मस्जिद में की तोड़फोड़, क्या है अजान पर हाईकोर्ट का फैसला

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Pratapgarh Mosque Ajan High Court

द लीडर : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव की अजान पर शिकायत के बाद विरोध का एक सिलसिला चल पड़ा है. जो ट्वीटर पर ट्रेंड करने के बाद तोड़फोड़ और धमकाने के स्तर तक जा पहुंचा है. यूपी के ही प्रतापगढ़ जिले के मंधाता गांव से ऐसी एक घटना सामने आई है. जिसमें, लाउडस्पीकर से अजान के विरोध में दो युवकों ने मस्जिद में घुसकर कथित रूप से तोड़फोड़ की. और लाउडस्पीकर का उपयोग न किए जाने की चेतावनी दी है. प्रतापगढ़ पुलिस इस मामले की शिकायत दर्ज कर जांच कर रही है. (Pratapgarh Mosque Ajan High Court)

घटना रविवार शाम करीब 8 बजे की है. आरोप है कि दो युवक मस्जिद में घुसे. उन्होंने लाउडस्पीकर, माइक तोड़ दिया. केबिल काट दी. और अभद्रता भी की. शाहीन खान और शाहिद त्यागी ने तोड़फोड़ के फोटो के साथ यूपी-प्रतापगढ़ पुलिस को टैग करते हुए ट्वीटर पर शिकायत की है. इसके जवाब में प्रतापगढ़ पुलिस ने कहा कि, इस प्रकरण में मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है और कानूनी कार्यवाही जारी है.

कुलपति की शिकायत पर बंद किए थे लाउडस्पीकर

पिछले दिनों इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने डीएम-एसएसपी को एक पत्र लिखा था. इसमें कहा था कि, ‘अजान की तेज आवाज से सुबह की नींद टूट जाती है. और बाद में सो नहीं पातीं. इसका असर उनके कामकाज पर भी पड़ता है.’ कुलपति ने अपनी निजी स्वतंत्रा का हवाला देते हुए कहा था कि वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लाउडस्पीकर के बिना भी अजान दे सकते हैं.


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कुलपति की इस शिकायत पर मस्जिद प्रबंधन ने लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी थी और अवाज भी 50 प्रतिशत तक घटाई थी. ये कहते हुए कि अगर किसी को आवाज से परेशानी होती है तो इस आवाज को और भी धीमा कर लिया जाएगा.

आइजी ने रात 10 से सुबह 6 बजे तक बैन के किया लाउडस्पीकर

इस घटनाक्रम के बीच प्रयागराज क्षेत्र के आइजी केपी सिंह ने रेंज के डीएम और एसएसपी को पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने प्रदूषण एक्ट और हाईकोर्ट-सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने को कहा था. ये कहते हुए कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउउडस्पीकर या कोई अन्य पब्लिक उद्धघोष सिस्टम का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा.

गाजीपुर डीएम ने लगाया था अजान पर मौखिक प्रतिबंध

पिछले साल कोरोना महामारी के बीच गाजीपुर के डीएम ने अजान पर मौखिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. इस रोक के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी हाईकोर्ट चले गए. और फिर इस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

लाउडस्पीकर से अजान पर हाईकोर्ट का फैसला

अफजाल अंसारी की याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजित कुमार ठाकुर की खंडपीठ ने फैसला सुनाया था. इसमें कहा था कि अजान से लाकडाउन की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होता है. लेकिन ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार, जीवन के मूल अधिकार का हिस्सा है. किसी को भी शख्स को अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरों के अधिकारों के उल्लंघन का हक नहीं है.


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कोर्ट ने कहा था कि तय ध्वनि से तेज आवाज में बिना अनुमति के बजाने की छूट नहीं है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक स्पीकर की आवाज पर रोक का कानून है. केवल वही मस्जिदें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर सकती हें, जिन्हें इसकी इजाजत मिली हुई है. बाकी, अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हें. कोर्ट के फैसले का अनुपालन कराने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिया था.

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