उत्तराखंड में बादल मेहरबान, बर्फवारी

0
513

द लीडर देहरादून

उत्तराखंड पर आज बादल मेहरबान हैं। दोपहर बाद ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ के फाहे गिरने लगे जबकि निचले इलाकों में बूंदाबांदी से शुरुआत हुई है। मौसम विभाग दो दिन ऐसे मौसम की बात कह रहा है। इस तरह पहाड़ के धधकते जंगलों में अब आग बुझने के आसार बन रहे हैं।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने अलर्ट जारी किया है कि पर्वतीय जिलों में ऊंचाई वाले कई स्थानों पर सोमवार और मंगलवार को बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। देहरादून समेत मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाएं सुबह से ही चल रही हैं।

चैत्र के महीने में बदरीनाथ , हेमकु़ंड , रुद्रनाथ , नन्दा देवी , नन्दा घुंघटी , रुपकुंड समेत ऊंचाई वाले इलाकों में अच्छी खासी बर्फ गिरी । जबकि निचले इलाकों मे भी छिटपुट बारिश हुयी । जिससे तापमान में खासी गिरावट आ गयी ।
बदरीनाथ में नर नारायण पर्वत , नील कंठ के साथ साथ आस पास की पहाड़ियों पर सोमवार को हिमपात हुआ । में फिर हिमपात हुआ । गोविन्दघाट गुरुद्वारा के मुख्य प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया हेमकुंड और फूलों की घाटी में हिमपात हुआ ।

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में कई जगह और देहरादून व टिहरी जिले के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 30 हजार मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी की स्थितियां बन रही हैं। उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने का पूर्वानुमान है। मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चल सकती हैं। इसे लेकर भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

इस बीच वन गोपेश्वर में वन विभाग के अफ़सरों ने बताया कि महकमे के लिए ये खुशी की खबर है। क्षेत्र के तीनों वन प्रभागों में काफी मशक्कत के बाद भी जंगलों की आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। इस साल अगस्त के बाद न के बराबर बारिश हुई। जंगल की आग की घटनाएं इससे पहले इतनी नशीन हुई थी। पूरे देश में सबसे ज्यादा यहीं वनों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

इस बार हेमकुंड साहिब के कपाट 10 मई को खुल रहे हैं। 17 मार्च को सेना के जवान बर्फबारी की स्थिति का जायजा लेने के लिए हेमकुंड साहिब गए थे और रविवार को जोशीमठ लौट आए हैं। गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि पिछले दस सालों से 418 इंडीपेंडेंट इंजीनियरिंग कोर के जवान हेमकुंड साहिब और आस्था पथ से बर्फ हटाने का कार्य करते हैं।

इस बार पांच अप्रैल से बर्फ हटाने का काम शुरू हो जाएगा। सेना के कर्नल आरएस पुंडीर ने पांच मई तक आस्था पथ से बर्फ को हटाकर आवाजाही शुरू करने का आश्वासन दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here