यूपी में पहली बार एक ही दिन विधानसभा और विधान परिषद के डाले जाएंगे वोट : 36 सीटों पर जानें अपडेट

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द लीडर | उत्तर प्रदेश विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र के 36 सदस्यों के चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। यह चुनाव दो चरणों में होगा। पहले चरण में 29 क्षेत्रों की 30 सीटों के चुनाव की अधिसूचना चार फरवरी को जारी होगी। मतदान तीन मार्च को होगा। दूसरे चरण की छह सीटों के लिए अधिसूचना 10 फरवरी को जारी होगी जबकि मतदान सात मार्च को होगा। मतगणना एक साथ 12 मार्च को होगी।

ये है शेड्यूल

चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित की गई तिथियों के तहत पहले चरण में तीन मार्च को 30 सीटों और दूसरे चरण में सात मार्च को 6 सीटों पर चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा। विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा। मतदान के बाद मतगणना 12 मार्च को की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की सीटों पर चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है।


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यह रहेगी चुनाव प्रक्रिया

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के अनुसार, मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से 2 सदस्य और शेष 34 क्षेत्रों से 1-1 सदस्य का चुनाव होना है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, 29 क्षेत्रों के 30 सदस्यों के चुनाव के लिए पहले चरण में 3 मार्च को मतदान कराया जाएगा। इसके लिए 4 फरवरी को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।

36 सीटों पर होगा चुनाव

लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर-सोनभद्र, इलाहाबाद, बांदा-हमीरपुर, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, बदायूं, पीलीभीत-शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी, सीतापुर, इटावा-फर्रुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मथुरा-एटा-मैनपुरी, अलीगढ़, बुलंदशहर, मेरठ-गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर।

ये डाल सकते हैं वोट

विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतें, जिला पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें व छावनी बोर्ड के सदस्य मतदान करते हैं। वर्ष 2016 के चुनाव में कुल 1,27,491 मतदाता थे। यह चुनाव 938 मतदान केंद्रों पर हुआ था। इस बार के चुनाव में यह संख्या करीब 1.40 लाख होने की उम्मीद है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम जारी हो गया है, अब नई मतदाता सूची बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा।

6 साल का होता है एमएलसी का कार्यकाल

राज्यसभा सदस्यों की तरह एमएलसी का कार्यकाल भी 6 साल का होता है। इन्हें राज्यों का उच्च सदन और विधानसभा को निम्न सदन कहा जाता है। विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद ये विधान परिषद में जाता है जहां प्रत्येक मुद्दे पर गहराई से चर्चा की जाती है। वहां से पास होने के बाद ही उन्हें अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाता है।

पहली बार हो रहा ऐसा

उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब एक ही दिन दो बड़े चुनाव के लिए मतदान होंगे। एमएलसी के लिए 3 व 7 मार्च को वोटिंग होगी। वहीं इन्हीं तारीखों पर विधानसभा चुनाव के क्रमश छठे और सातवें चरण का मतदान भी होगा। ऐसे में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, पार्षद, महापौर, नगर पंचायत अध्यक्ष और नगर पालिका परिषद चेयरमैन को एक ही दिन में दो-दो चुनाव के लिए मतदान करेंगे।

क्या होती है विधान परिषद?

आसान भाषा में समझते हैं-
जैसे कि केंद्र में दो सदन होते हैं- लोकसभा और राज्यसभा, उसी तरह प्रदेशों में भी दो सदन हो सकते हैं- विधान सभा (लेजिसलेटिव एसेंबली) और विधान परिषद (लेजिसलेटिव काउंसिल)। राज्य सभा को संसद का उच्च सदन कहा जाता है। ऐसे ही राज्य का उच्च सदन विधान परिषद को कहा जा सकता है।


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उठाए गए सवाल

पहले यह चुनाव सरकार बनाने के बाद कराये जाने थे जिससे ज़्यादा सीटें आये मगर सूत्रों की मानें तो भाजपा के एक सर्वे के बाद यह साफ़ हो गया कि सरकार बनना असंभव है तो आनन फ़ानन में यह चुनाव कराये जा रहे है। प्रदेश में भाजपा के सामने अगर कोई विपक्ष के रूप में देखा जा रहा है तो वह समाजवादी पार्टी नज़र आ रही है और इस बार के विधानसभा चुनाव में सपा ने सत्ता की कुर्सी की रेस को काटें की टक्कर पर लाके रख दिया है। इसलिए लोगों ने यह सवाल उठाया है की बीजेपी को कहीं न कहीं यह अंदाजा हो गया था की वह इस बार के चुनाव में बहुमत हासिल करने में पीछे रह सकती है इसलिए इतनी आनन फानन में चुनाव कराए जा रहे हैं।

प्रदेश में होने वाले है विधानसभा चुनाव

ज्ञात हो कि यूपी में विधानसभा का चुनाव सात चरणों में होगा. इसके तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश पर जाकर समाप्त होगा।

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