करोड़ों की टैक्स चोरी और 25 हजार का इनामी शराब कारोबारी मनोज जायसवाल को STF ने लखनऊ से किया गिरफ्तार

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द लीडर। एसटीएफ उत्तर प्रदेश को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी में अवैध तरीके से शराब निकालकर करोड़ों की टैक्स चोरी के मुख्य आरोपी और 25 हजार के इनामी मनोज कुमार जायसवाल को लखनऊ के माल ऐवन्यू के पास से गिरफ्तार कर लिया।

8 अभियुक्तों को पहले किया गया था गिरफ्तार 

एसटीएफ उत्तरप्रदेश ने तीन मार्च 2021 को शराब फैक्ट्री “को-आपरेटिव कंपनी लि” टपरी, सहारनपुर लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर्स, ट्रान्सपोर्टर और फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में अवैध शराब निकाली जा रही थी। जिससे प्रत्येक माह करोड़ों रूपये की टैक्स चोरी कर राज्य सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है। वहीं एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ कर 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था।


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वहीं अब इसी क्रम में एसटीएफ ने सीएल-2 गोदाम कानपुर और उन्नाव के अनुज्ञापी अजय जायसवाल का पार्टनर और मुख्य साजिशकर्ता व 25,000 का इनामी मनोज कुमार जायसवाल को लखनऊ से जनवरी को गिरफ्तार कर लिया है।

 

लखनऊ एसटीएफ ने मनोज जायसवाल को किया अरेस्ट

मनोज के पास से सामान बरामद

एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि मनोज जायसवाल बरेली के माडल हाउस का निवासी है और उसका बरेली व कानपुर में देशी शराब का ठेका है। मनोज का बरेली में बार व रेस्त्रां भी है। उसके कब्जे से एक लाख रुपये, घड़ी, फोन, डीएल, पैन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज मिले हैं। गुरुवार को उसे लखनऊ में आवास विकास परिषद के कार्यालय के पास पकड़ा गया।

मार्च 2021 में पकड़ा गया था शराब का ट्रक

माडल टाउन के रहने वाले शराब कारोबारी मनोज जायसवाल का मार्च 2021 में हरूनगला में एक शराब का ट्रक पकड़ा गया था। उसमें सहारनपुर डिस्टलरी की शराब थी। शराब कानपुर के लिये भेजी गई थी, लेकिन वह बरेली में सप्लाई की जा रही थी। उसके खिलाफ बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा सहारनपुर में दर्ज 100 करोड़ के टैक्स चोरी के मामले में भी उसका नाम मुकदमे में खोला गया था। दोनों मुकदमों की विवेचना एसआईटी लखनऊ कर रही थी।

आरोपियों की गिरफ्तारी का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया था। मनोज जायसवाल तब से फरार चल रहा था। उस पर 25 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित है। पिछले साल सितंबर में एसटीएफ ने धांधली में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के साले अश्वनी उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया था। वहीं अब तक 14 लोगों को मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।

बरेली के बारादरी का रहने वाला है मुख्य आरोपी मनोज

एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि, पिछले साल तीन मार्च को सहारनपुर में छापा मारकर टैक्स चोरी का पर्दाफाश किया गया था। इसमें आठ लोग गिरफ्तार हुये थे। तब अश्वनी और मनोज जायसवाल का नाम आया था। गुरुवार को गिरफ्तार मनोज जायसवाल मूल रूप से बरेली के बारादरी, मॉडल हाउस का रहने वाला है। मनोज से एक लाख रुपये, एक मोबाइल और दस्तावेज मिले हैं। मनोज 10 महीने से अलग-अलग जगह पर छिप कर रह रहा था। वह बीच-बीच में लखनऊ भी आता था।

कानपुर के व्यापारी के साथ थी हिस्सेदारी

पूछताछ में मनोज ने बताया कि, वह सीएल-2 गोदाम कानपुर व उन्नाव के ठेकेदार अजय जायसवाल के परिवार का सदस्य है तथा शराब व्यवसाय में उसका 25 प्रतिशत का हिस्सेदार भी है। टपरी स्थित कोआपरेटिव कंपनी के संचालक प्रणय अनेजा की दिल्ली स्थित फाइनेंस कंपनी स्टैलर प्राइवेट लिमिटेड के लाइजनिंग आफिसर अश्विनी उपाध्याय ने उसका संपर्क था। अश्वनी के जरिये ही मनोज ने टपरी स्थित फैक्ट्री से एक ही बिल्टी पर दो बार शराब निकालने की डील की थी।


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ऐसे करते थे टैक्स चोरी, कई अधिकारी हुए निलंबित

फैक्ट्री के कई कर्मचारी, आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी समेत कई लोग इस गोरखधंधे में मिले थे। जिस समय शराब की पेटी लेकर ट्रक फैक्ट्री से बाहर निकाली जाती थी, तब एक ही इनवाइस पर दो ट्रकों को बाहर निकाल दिया जाता था। गेट पास एक ही गाड़ी का बनता था। इससे एक गाड़ी का टैक्स बचा लिया जाता था।

पिछले साल पर्दाफाश के बाद कई आबकारी अधिकारी और कर्मचारी निलम्बित हुये थे। कंपनी और एक्साइज के अधिकरी एक ही गेट पास पर दो ट्रक निकलवाते थे। इसके बदले में वह प्रति पेटी 500 रुपये और प्रत्येक गाड़ी के 7.50 लाख रुपये लिया करते थे। एसआईटी ऐसे अधिकारियों की भी जांच कर रही है।

अफसरों, कर्मचारियों की मिलीभगत से करते थे काम

एसटीएफ के मुताबिक, मुख्य आरोपी मनोज जायसवाल ने कुबूल किया है कि, फैक्ट्री के अफसरों, कर्मचारियों की मिलीभगत से वह लोग नजदीक के डिस्ट्रीब्यूशन प्वाइन्ट पर दो दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर ट्रक के लगवा देते थे। इसी तरह उन्नाव और कानपुर के चार दिन के एक गेट पास पर दो चक्कर लगाकर करोड़ों की टैक्स चोरी की जाती थी। इस दौरान ट्रक में लगे जीपीएस बंद कर दिया जाता था। इससे उनकी लोकेशन न पता लगने से ट्रकों के फेरे नहीं पता चल पाते थे।

अनेजा ग्रुप के मालिक जेल में, आहूजा के बेटे जमानत पर

30 जुलाई, 2021 को ट्रांसपोर्टर सत्यवान शर्मा, 11 अगस्त, 2021 को कम्पनी के टेक्निकल हेड कमल डेनियल, 23 सितम्बर, 2021 को सेल्स हेड अश्वनी उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर 25-25 हजार रुपये इनाम था। अनेजा गु्रप के मालिक प्रणय अनेजा भी जेल में हैं। इस टैक्स चोरी में 13 लोग जेल भेजे जा चुके हैं। इस मामले में एसआईटी थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। जबकि मुरादाबाद के शराब कारोबारी आहूजा के बेटे जमानत पर हैं।

ट्रक चलवाकर बना प्रापर्टी डीलर.. फिर शराब कारोबारी

मनोज जायसवाल ने 1992 में इंटर के बाद बरेली में पिता के साथ ट्रक चलवाने लगा था। फिर बरेली में ही प्रॉपर्टी डीलिंग करने लगा। इसके बाद शराब की फुटकर दुकान का लाइेंसस बनवाया। इसी बीच बड़ी-बड़ी जमीनें खरीद कर प्लॉटिंग करने में करोड़ों रुपये कमाये। फिर वर्ष 2017 में रिश्तेदार के साथ शराब व्यवसाय से जुड़ गया। उसने करीब एक करोड़ रुपये इसमें लगाये थे।

पत्नी के नाम हैं दुकानें

एसटीएफ के मुताबिक, मनोज जायसवाल का वर्तमान में पत्नी के नाम से बरेली और कानपुर में देशी शराब के ठेके है। एक ठेका उसके नाम से भी है। अपने परिचितों के नाम पर देशी शराब की 19 दुकानें खुलवा रखी हैं। सहारनपुर के टपरी से आने वाली अवैध शराब को अपने ठेके पर ही खपाता था। इसके अलावा बरेली में 21 डाउन-टाउन बार एवं रेस्टोरेन्ट भी उसने खोल रखा है।

डीएम संग हुई थी फोटो वायरल

करोड़ों की टैक्स चोरी के आरोपी मनोज जायसवाल के डाउन टाउन 21 और तमाशा बार की दिसंबर में तत्कालीन डीएम मानवेंद्र सिहं ने नियमों को ताक पर रखकर सील खोल दी थी। मामला जब शासन में पहुंचा तो खलबली मच गई। इसके बाद आबकारी कश्मिनर ने दोबारा डाउन टाउन बार को सील करवा दिया था। इसके बावजूद डीएम के इशारे पर रेस्टोरेंट चलता रहा। वहां शराब की परोसी जाती थी।

डीएम मानवेंद्र सिंह के साथ कारोबारी मनोज जायसवाल की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो उन दिनों की है जब मनोज जायसवाल पर 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित हो चुका था। वहीं अग्रिम विधिक कार्यवाही एसआईटी लखनऊ द्वारा की जा रही है।


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