अब से पूरे रमजान बांग्लादेश में मिलेगी खाद्य सब्सिडी

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यूक्रेन-रूस युद्ध के दरम्यान बांग्लादेश में खाना पकाने के तेल, दाल समेत जरूरी चीजों की कीमतों में भयंकर उछाल आ गया है, जिससे निपटने को सरकार ने रविवार से राष्ट्रव्यापी खाद्य सब्सिडी कार्यक्रम शुरू किया है। (Food subsidy in Bangladesh)

रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजों पर बढ़ी महंगाई ने हाल के दिनों में दक्षिण एशियाई देशों में असंतोष को पैदा कर दिया है। श्रीलंका में त्राहि-त्राहि मची हुई है तो भारत, पाकिस्तान में भी कमरतोड़ महंगाई ने लोगों को जीवन मुश्किल में डाल दिया है। महंगाई के लिए सभी जगह बढ़ती उत्पादन लागत, रूस-यूक्रेन युद्ध से आए कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन आम लोग इस दलील से संतुष्ट नहीं हैं।

बांग्लादेश में विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने व्यापारियों पर मुनाफाखोरी का आरोप लगाकर बढ़ती कीमतों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल के साथ कई विरोध रैलियां की हैं। जिसके बाद खाद्य सब्सिडी कार्यक्रम शुरू हुआ है।

वाणिज्य मंत्रालय के प्रमुख तपन कांति घोष ने कहा कि खाद्य सब्सिडी कार्यक्रम 1 करोड़ लोगों को सस्ता भोजन मुहैया कराएगा और रमजान के आखिर तक चलेगा। (Food subsidy in Bangladesh)

उन्होंने एएफपी से कहा, “यूक्रेन युद्ध ने कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर दी है, जिसने वैश्विक कमोडिटी कीमतों को प्रभावित किया है।”

राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में एक औद्योगिक केंद्र फतुल्लाह में योजना के पहले दिन सैकड़ों लोग चिलचिलाती धूप में राशन के इंतजार में कतार में खड़े नजर आए।

स्थानीय मुशर्रफ हुसैन एएफपी से कहा, खरीदारी करने को उन्हें चार घंटे इंतजार करना पड़ा। फिर भी सुकून है, क्योंकि बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी आसमान छू रही है।

हुसैन ने कहा कि व्यापार मालिकों ने उन्हें बताया था कि “रूस के पास चल रहे युद्ध” के चलते उन्होंने अंदाजे के हिसाब से अपने माल की कीमत बढ़ाई थी। (Food subsidy in Bangladesh)

उन्होंने कहा, “चावल, दाल और चीनी का उत्पादन ज्यादातर हमारे देश में होता है।” “ अब भला क्या यहां बांग्लादेश में युद्ध हो रहा है? महंगाई के नाम पर साफतौर पर झांसा दिया गया है।”


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