The Leader. करिश्मे कभी-कभी होते हैं. इस बार नहीं हुआ और भारतीय क्रिकोेट टीम आस्ट्रेलिया के हाथों तीसरे दिन ही नौ विकेट से तीसरा टेस्ट हार गई. चार टेस्ट का स्कोर अब 2-1 हो गया है. बढ़ते भारत के पास है लेकिन आस्ट्रेलिया वापसी कर चुकी है. नौ मार्च से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुरू होने वाले अंतिम टेस्ट पर क्रिकेट फैंस की निगाहें लग गई हैं. आस्ट्रेलिया भारत से हिसाब बराबर करके जाएगी या गावस्कर-बार्डर ट्राफी का नतीजा कुछ और सामने आएगा. छह दिन बाद तय हो जाएगा.
कल जो हो सो हो-फिलहाल तो अपनी पसंदीदा पिच पर फंस गई टीम इंडिया
तीसरे टेस्ट में बल्लेबाज़ों का फ्लाप शो पहली पारी के बाद दूसरी पारी में भी सामने आया था. पहली पारी में 109 और दूसरी में 163 रन से विश्व के बेहतरीन बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. इसके बावजूद फैंस स्पिनरों के लिए मददगार इस पिच पर करिश्मे के उम्मीद लगाए बैठे थे. अपनी दूसरी ही गेंद पर जब अश्विन ने उसमान ख़्वाजा को शिखर भरत के हाथों कैच कराया तो लगा कि 76 रन का लक्ष्य आस्ट्रेलिया के लिए मुश्किल होगा लेकिन इसके बाद उम्मीदें ध्वस्त होती चली गईं. ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने शानदार पारियां खेलकर आस्ट्रेलिया को वो जीत दिला दी, जिसकी तलाश उसे भारत में छह साल से थी. ट्रेविस आक्रामक खेल दिखाया और 53 गेंद पर छह चौके, एक छक्के की बदौलत 49 रन बनाए जबकि लाबुशन टिककर खड़े रहे. 28 रन की जिताऊ पारी खेलकर नाबाद लौटे.
जब-जब हार का ग़म सताएगा भारतीय कप्तान हरमनप्रीत को वो एक ग़लती बहुत याद आएगी
भारतीय स्पनिर रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन जब विकेट निकालने में नाकाम दिखने लगे तो भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने उमेश यादव को गेंद सौंपी लेकिन पहली पारी वाला कमाल वो भी नहीं दिखा सके. इस बरख़िलाफ़ आस्ट्रेलिया के स्पिनर नाथन लायन और मैथ्यू कुहनेमन सरीखी गेंदबाज़ी नहीं कर पाए. आस्ट्रेलिया ने 76 रन 76 मिनट के अंदर ही बनाकर तीसरा टेस्ट नौ विकेट से अपने नाम कर लिया. इसी के साथ चौथा अंतिम टेस्ट का नतीजा दोनों टीमों के लिए काफी अहम हो गया है.