द लीडर : Fir On Former IAS Officer Surya Pratap Singh. भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से रिटायर्ड अफसर सूर्य प्रताप सिंह पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक और एफआइआर दर्ज की गई है. इसको लेकर सूर्य प्रताप ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूं कि मुझे सीधा आतंकवादी घोषित कर दिया जाए.’
ये मामला एक वायरल ऑडियो से जुड़ा है. जिसमें 2 रुपये प्रति ट्वीट की दर पर मुख्यमंत्री के समर्थन में ट्वीटर पर 20 ट्वीट करने की पेशकश सुनी जा रही थी. इसको लेकर विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया था. हालांकि वायरल ऑडियो की कोई पुष्टि नहीं थी.
इसी प्रकरण में अतुल कुशवाहा ने सूर्य प्रताप सिंह, पुनीत सैनी और हिमांशु सैनी के नाम से केस कानुपर थाने में केस पंजीकृत कराया है. इन पर अफवाह फैलाने का आरोप है.
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सूर्य प्रताप सिंह पर इससे पहले भी राज्य में कई मामले दर्ज हो चुके हैं. सूर्य प्रताप सिंह ने इनका हवाला देते हुए कहा-ऑक्सीज ये मतलब सरकार नहीं दे पा रही है. और मुकदमा सूर्य प्रताप पर. नदियों में शव बहाए जाने का मामला उठाने, टेस्टिंग और अब ट्वीट के वॉयरल ऑडियो पर सवाल उठाने को लेकर हमारे ऊपर मामले दर्ज किए गए हैं.
https://twitter.com/DeepakSEditor/status/1399949756235874307?s=20
सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि मैं 2 रुपये ट्वीट प्रकरण में ईडी को पत्र लिखकर जांच की मांग करूंगा और सभी साक्ष्य उपलब्ध कराऊंगा. मसलन, ट्वीटर पर ट्रेंड कराने के लिए पैसे किसने दिए. रुपये कैश में दिए जाते हैं या खाते में. क्या अधिकारिक कराकर पर ये पेड ट्रेंड होती है या इसमें भ्रष्टाचार से अर्जित काला धन इस्तेमाल होता है.
इन सवालों के साथ उन्होंने सूचना विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा कि उसी को छिपाने के लिए तानाशाही तरीके अपनाए जा रहे हैं. लाखों-करोड़ रुपये सोशल मीडिया ट्रेंड के नाम पर एजेंसियों को दिए जा रहे हैं और इसमें मोटा कमीशन लिया जा रहा है.
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वहीं, उन्नाव में गंगा में तैरती लाशों के प्रकरण में सूर्य प्रताप पर जो एफआइआर दर्ज हुई थी. उसमें उन्हें उच्च न्यायालय से राहत मिल गई है. बुधवार को ही सूर्य प्रताप ने इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि जब सरकारें अहंकार में चूर होकर नफरत की राजनीति करने लगें तो न्यायालय ही भगवान का रूप लेकर आता है. उन्नाव मामले में राहत आप सभी की बड़ी जीत है. पुलिसे भी जवाब मांगा है.