UP : बरेली में गंगाशील अस्पताल की चौथी मंजिल से पहले पिता ने बेटे को फेंका, फिर खुद छलांग लगाकर दी जान

0
352

द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार दोपहर एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने सभी को हैरान कर दिया. शहर की पॉश काॅलोनी डीडीपुरम में स्थित गंगाशील अस्पताल की चौथी मंजिल से एक युवक ने पहले अपने बेटे नीचे फेंक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. फिर खुद भी चौथी मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी.

सूचना पर प्रेमनगर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शव कब्जे में ले लिए हैं. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. युवक तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुआ था. घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई.

यह है पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, संजयनगर निवासी दीपक कश्यप कंफेशनरी की दुकान चलाते थे. वह नशे की आदत से परेशान थे. इसके साथ मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे. तीन दिन पहले उन्हें परिवार वालों ने गंगाशील अस्पताल में नशा छुड़वाने के लिए भर्ती कराया था.

दीपक परिजनों पर दो दिन पहले से ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करवाने का दबाव बना रहे थे. परिवार वालों ने अस्पताल प्रबंधन से इसे लेकर बात की तो उन्होंने शुक्रवार शाम को दीपक को डिस्चार्ज करने की बात कही.

शुक्रवार दोपहर करीब डेढ़ बजे थे. दीपक की मां चंद्रावती व अन्य परिजन उसके डिस्चार्ज के संबंध में बात करने के लिए नीचे गए तो दीपक का 10 साल का बेटा दिव्यांश उसके पास बेड पर बैठकर मोबाइल चला रहा था. इसी दौरान दीपक ने बेटे को गोद में लिया और चौथी मंजिल की खिड़की के पास पहुंच गया. पहले उसने बेटे दिव्यांश को नीचे फेंक दिया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. फिर खुद भी छलांग लगाकर जान दे दी.

अचानक पिता और पुत्र के चौथी मंजिल से गिरने पर अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया. दीपक के परिजनों ने शोर शराबा होने और भीड़ जमा होने पर वहां जाकर देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. दिव्यांश की चौथी मंजिल से गिरने से मौके पर मौत हो गई. जबकि दीपक को तुरंत आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

सूचना मिलने पर प्रेमनगर पुलिस अस्पताल पहुंच गई. पुलिस ने पिता-पुत्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. साथ ही यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर दीपक ने ऐसा कदम क्यों उठाया.

दीपक की मां ने क्या कहा

दीपक की मां चंद्रावती ने बताया कि घटना कैसे हुई, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है. वह दीपक की छुट्टी कराने के लिए नीचे डॉक्टर के पास आई थी. इतनी देर में देखा कि भीड़ लगी है और लोग पोते दिव्यांश को लेकर जा रहे थे. उसके सिर पर काफी चोट लगी हुई थी और खून बह रहा था. कुछ सेकेंड के बाद उन्हें दीपक दिखाई दिया, जो बेहोश था.

अस्पताल प्रबंधन का बयान आया सामने

अस्पताल के डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि दीपक का नशा उन्मूलन का इलाज चल रहा था. वह नशे के आदी थे और अपनी मर्जी से भर्ती हुए थे. उनकी पत्नी से अनबन चल रही थी. शायद इसी वजह से दवाब में आकर उन्होंने यह कदम उठा लिया.

एसएसपी ने क्या कहा

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि थाना प्रेमनगर से सूचना प्राप्त हुई है कि संजयनगर निवासी दीपक 35 वर्ष के थे. उनका 9 साल का बेटा दिव्यांश था. दीपक का प्रेमनगर थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नशा उन्मूलन का इलाज चल रहा था. उन्होंने पहले अस्पताल की चौथी मंजिल से अपने बच्चे को नीचे फेंका, फिर खुद भी छलांग लगा दी. बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि दीपक की आईसीयू में इलाज के दौरान मौत हो गई. दीपक ने यह कदम क्यों उठाया, इसके कारणों की जांच की जा रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here