नई दिल्ली : कड़ाके की ठंड में बारिश ने दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सिंघु बॉर्डर, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के ठिकानों पर पानी भरा है. बिस्तर, राशन भी भीग चुका है. इस सबके बावजूद उनका हौसला पस्त नहीं है. मंगलवार को रिमझिम फुहारों के बीच टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने कमीज (शर्ट) उतारकर विरोध-प्रदर्शन किया. देशभर के हजारों किसान केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. (Farmers Protest Scorching Cold)
प्रदर्शन के बीच बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. किसानों ने स्पष्ट किया है कि बरसात से परेशानी जरूर हो रही है. मगर कानून वापस होने तक वे पीछे नहीं हटेंगे. मंगलवार को आंदोलन का 39वां दिन है. किसान नेता और सरकार के बीच सोमवार को ही 7वें दौर की बातचीत हुई थी, जो बेनतीजा रही है. अगली बैठक 8 जनवरी को तय हुई है.
इस बीच किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी, पंजाब के सुखविंद सिंह सभरा ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में सरकार की नीयत में खोट की बात कही है. सभरा ने कहा कि आठ जनवरी को 8वें दौर की बात होगी. बातचीत में कुछ निकलता दिखाई नहीं दे रहा है. सरकार एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री स्वयं बैठक कर कानूनों को रद करने की बात करें.
गाजीपुर सीमा पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी बताते हैं कि बारिश और ठंड से हमें कोई परेशानी नहीं है. किसान का जीवन ही संघर्ष है. हम यहां से तभी जाएंगे जब सरकार एमएसपी को कानून बना देगी. इससे पहले नहीं जाएंगे.
आंदोलनकारियों पर मौसम की आफत
दिल्ली में मंगलवार को भी बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ घंटों तक आस-पास के हिस्सों में हल्की बारिश होने का अनुमान है. वहीं, पिछले दो दिनों से बारिश का सामना कर रहे किसानों के लिए ये मौसम एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है. इसलिए क्योंकि पहले से ही दिल्ली में भयंकर ठंड पड़ रही है. आंदोलन में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी हैं, जो इस संकट का सामना कर रहे हैं.
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