किसान नेताओं ने एक सुर में कहा, कानून निरस्त करने से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं : बेनतीजा रही बैठक

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों पर गतिरोध बरकरार है. शुक्रवार को सरकार और किसानों के बीच व‍िज्ञान भवन में जारी 8वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. किसान नेताओं ने बैठक मेें फिर दोहराया कि हम कानून निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं. कानून रद होंगे या तो हम लड़ना जारी रखेंगे. कृषि मंत्री ने भी स्पष्ट कर दिया कि कानून वापस नहीं होंगे. जिन बिंदुओं पर आपत्ति है, सरकार उन पर चर्चा को तैयार है. (Farm Laws Farmers Leader)

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि, कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला. किसानों नेताओं से आग्रह किया गया कि कानूनों के निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दें तो हम विचार करेंगे. लेकिन उन्होंने कोई विकल्प नहीं दिया. अगली बैठक 15 जनवरी को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.

द‍िल्‍ली के बाहरी ह‍िस्‍सों में प्रदर्शन करते क‍िसान

कृषि मंत्री ने कहा कि विरोध के समर्थकों का मत है कि कानून रद किए जाएं. जबकि कुछ किसान कानूनों के समर्थन में हैं. कानून निरस्त कराने की मांग उठाने वाले संघों से सरकार लगातार बातचीत कर रही है. हम कानूनों का समर्थन करने वालों से भी मिलते हैं.

 


किसान आंदोलन पर सुप्रीमकोर्ट ने जताई चिंता, कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा


 

अदालत नहीं जाएंगे, जारी रखेंगे लड़ाई

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्ना मोहल्ला ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, ‘एक गर्म चर्चा थी. हमने कहा कि कानून निरस्त करने के सिवा हम कुछ नहीं चाहते. कानून रद होंगे या हम लड़ाई जारी रखेंगे. हम किसी अदालत में नहीं जाएंगे. 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड योजना के मुताबिक होगी.’

 


दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च


 

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 43 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. वे नए कृषि कानूनों का विरोध कर इन्हें निरस्त करने की मांग उठाए हैं. किसान और सरकार के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें कोई हल नहीं निकला है. जबक‍ि दूसरी तरफ क‍िसानों ने इस आंदोलन को और धार देने की तैयारी कर रखी है. शुक्रवार को भी क‍िसानों ने ट्रैक्टर मार्च का अभ्यास किया है. उन्होंने कानून रद न होने की स्थिति में 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की चेतावनी दे रखी है.

सरकार ने हमारी नहीं तो हमने सरकार की नहीं सुनी : टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, ‘तारीख पर तारीख चल रही है. बैठक में सभी किसान नेताओं ने एक सुर से बिल रद करने की मांग की है. हम चाहते हैं कि कानून वापस हों. सरकार संशोधन चाहती है. सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी.’

Ateeq Khan

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