चेपक में अजेय भारत को इंग्लैंड ने 35 साल बाद किया पराजित

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फोटो, साभार बीसीसीआइ टीवी

वसीम अख्तर

द लीडर. इंग्लैंड ने भारतीय टीम को उसी की धरती पर और उस चेन्नई के चेपक यानी एमए चिदंबरम मैदान पर जहां कि वह 35 साल तक अजेय रहा, उसे पराजित कर दिया. पराजय भी 227 रनों के विशाल अंतर से हुई है. तब जबकि विराट कोहली के अलावा सीनियर खिलाड़ी टीम का हिस्सा बन चुके थे. इस बड़ी हार ने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में युवा ब्रिगेड के रौंदकर आने का मजा किरकिरा कर दिया.

दूसरी इनिंग में 420 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम 58.1 ओवर खेलकर महज 192 रन ही बना सकी. इंग्लैंड के स्पिनर जैक रीच ने चार, जबकि तेज गेंदबाज जेम्स एडरसन ने तीन विकेट हासिल किए. जोफ्रा आर्चर, बेन स्टोक्स और डोमिनिक बेस ने एक-एक विकेट लेकर भारतीय टीम की कमर तोड़ दी.


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विराट की अगुवाई वाली भारतीय टीम की हालत वैसी ही दिख रही है, जैसी पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 36 रन के सबसे कम स्कोर पर आउट होने पर हुई थी. ऑस्ट्रेलिया से पिछली टेस्ट सीरिज में जिस तरह युवाओं ने जीत का परचम गाड़ा था, लग रहा था कि टीम अब पीछे मुड़कर नहीं देखेगी.

मैच के दौरान शॉट खेलते विराट कोहली.

तब तो और भी नहीं, जब कप्तान कोहली पैटरनिटी लीव से लौट आए. इशांत शर्मा और बुमराह की चोट से उबरने के बाद टीम में वापसी हुई. कार्यवाहक कप्तान बनकर टीम को ऑस्ट्रेलिया से विजयी बनाकर लौटे अजिंक्य रहाणे का प्रदर्शन भी इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में शर्मनाक रहा.

पहली इनिंग में महज एक और दूसरी में शून्य पर आउट हो गए. अजिंक्य की तरह उपकप्तान रोहित शर्मा ने भी निराश किया. दो पारियों में छह और फिर 12 रन का ही योगदान दे सके. टीम की हार का एक बड़ा कारण यह भी रहा. ओपनर शुभमन गिल का प्रदर्शन संतोषजनक कहा जा सकता है लेकिन वह अर्द्धशतक के इर्द-गिर्द ही मंडरा रहे हैं.


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विराट ने दूसरी पारी में टीम की तरफ से सबसे ज्यादा 72 रन बनाए लेकिन जिस तरह इंग्लैंड टीम के कप्तान जो रूट ने लाजवाब पारी खेलकर दोहरा शतक और फिर दूसरी पारी में भी अपनी टीम की तरफ से सर्वाधिक 40 रन बनाए, ऐसा प्रदर्शन भारतीय कप्तान नहीं कर सके. 35 साल बाद इंग्लैंड चेपक मैदान पर परचम लहराने में कामयाब हो गया.

इंग्लैंड अब से पहले 1985 में यहां विजयी रही थी. खैर सेलेक्टर के लिए यह सोच का विषय है कि वह सीनियर खिलाडि़यों पर युवा ब्रिगेड को तरजीह दें.

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