क्या आप जानते हैं गर्म जलस्रोत ‘ततहा नदी’ पर नहाने से चर्म रोग से मिलती है मुक्ति ?

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द लीडर। भारत में कई ऐसी जगहें है जो बेहद खूबसूरत हैं. और इन्हें देखने दूर-दूर से लोग यहां घूमने आते है. लेकिन भारत देश में कई ऐसी चीजें भी हैं जिनकी मान्याताएं है. और ये मान्याताएं सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि लोग इसमें आस्था भी रखते है. जी हां ऐसा ही एक झरना यानि जल स्रोत है. जहां पर नहाने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है. ये वहां के लोगों का मानना है. भले ही आज विज्ञान ने कितनी भी तरक्की कर ली है, लेकिन लोगों में अभी भी आस्था और विश्वास है. लोगों की आस्था और विश्वास के चलते इस तालाब में लोग दूर-दूर से डुबकी लगाने आते है. और चर्मरोग से मुक्ति पाते हैं.

ततहा नदी का गर्म जलस्रोत

बता दें कि, झारखंड का लातेहार जिला वन, पहाड़ों और झरनों के लिए जाना जाता है. कहना गलत नहीं होगा कि, यहां की खूबसूरती लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है, लेकिन यहां कई ऐसे स्थल हैं, जिनकी स्थानीय स्तर पर खूब ख्याति है. ऐसे में ही एक है ततहा नदी का गर्म जलस्रोत. जो लोगों को अपनी ओर तो आकर्षित करता ही हैं. साथ ही इसकी कई मान्यताएं भी हैं.


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औषधीय युक्त है जल स्रोत का पानी

सदर प्रखंड की हेठपोचरा पंचायत के जारम गांव में स्थित ततहा गरम पानी का स्रोत अवस्थित है. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी तकरीबन 10 किमी है, जबकि हेठ पोचरा पंचायत मुख्यालय से इसकी दूरी तकरीबन चार किमी है. लोग बताते हैं कि यह पानी औषधीय है और यहां नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं. हरही पहाड़ी के नीचे अवस्थित ततहा नदी में असंख्य ऐसे स्रोत हैं, जहां जमीन से गरम पानी निकलता है. इस गर्म पानी की धारा दूर तक बहती जाती है.

मकर संक्रांति पर लगती है काफी भीड़

लोग इस गर्म पानी में बैठ कर घंटों नहाते हैं. यहां पहली जनवरी को काफी संख्या में लोग पिकनिक मनाते हैं, लेकिन यहां मकर संक्रांति को काफी भीड़ होती है. लोग गर्म पानी के स्रोत में स्नान व दानपुण्य कर चूड़ा-दही खाते हैं. ठंड के दिनों के गुनगुनी धूप में ततहा के गर्म पानी में नहाने का आनंद स्थानीय लोग छोड़ना नहीं चाहते हैं. लोग बताते हैं कि, यह पानी औषधीय युक्त है और यहां नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं.

विकसित नहीं हो पाया ततहा नदी और आसपास का क्षेत्र

पोचरा पंचायत के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि, अंग्रेज अफसर भी ततहा नदी तक पहुंचे थे और उन्होंने गर्म पानी देख कर इस क्षेत्र को विकसित करने और यहां शोध कराने का निर्णय लिया था, लेकिन इस दौरान भारत को आजादी मिल गयी और यह कार्य शुरू नहीं हो सका. तत्कालीन उपायुक्त कमल किशोर सोन ने भी ततहा नदी और आसपास के क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बनायी थी, लेकिन उसे भी मूर्त रूप नहीं दिया जा सका. लातेहार जिला मुख्यालय से निजी वाहनों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. लोग दिन भर पिकनिक और सैर-सपाटा कर शाम में वापस जिला मुख्यालय लौट सकते हैं. ततहा नदी के पास ही हरही पहाड़ के अलावा कई रमणिक स्थल व ग्रामीण परिवेश हैं, जहां लोग सैर-सपाटा कर सकते हैं.


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