दिल्ली | जनता दल-सेक्युलर सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश को घेरने वाले वर्तमान COVID-19 संकट से निपटने के लिए सुझाव पेश किए।
एचडी देवगौड़ा ने अपने पत्र की शुरुआत में बताया कि देश में इस समय कोरोना वायरस की खतरनाक लहर दौड़ रही है और कब्रिस्तान और शमशान के बाहर लंबी लाइनों में लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में जब मामले बढ़ रहे थे तो उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को 21 अप्रैल को पत्र लिखकर सुझाव दिए थे।
देवेगौड़ा ने पत्र में स्वास्थ्य प्रशासन और COVID-19 प्रबंधन के विकेंद्रीकरण, टीकाकरण अभियान की समय सीमा, जिलों और तालुकों पर ध्यान केंद्रित करने और न केवल शहरों और 12 से 15 आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण परीक्षण की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि “यदि सरकार सभी नागरिकों को मुफ्त में टीके देने का फैसला करती है, तो यह एक महान मानवीय इशारा होगा।”
उन्होंने ट्वीट कर लिखा ““यह एक राष्ट्रीय संकट है और हमें इसे एक राष्ट्र के रूप में लड़ने की आवश्यकता है। हमें जान बचाने और दुख कम करने के लिए किए गए सभी रचनात्मक उपायों का समर्थन करना चाहिए।”
I wrote a letter to Hon'ble PM Shri Narendra Modi ji yesterday offering a few suggestions to tackle the pandemic. This is a national crisis and we need to fight it as one nation. We should support all constructive measures taken to save lives and reduce suffering.@PMOIndia pic.twitter.com/jHEZFZLalP
— H D Devegowda (@H_D_Devegowda) April 26, 2021
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने दिए ये सुझाव
- स्वास्थ्य प्रशासन और कोविड प्रबंधन का विकेंद्रीकरण कर देना चाहिए, जिला प्रशासन को मदद के लिए छोटे अनुबंधों पर मेडिकल पेशेवरों को नौकरी देने की जरूरत है।
- सभी जिला मुख्यालयों पर वॉर रूम बनाने की जरूरत है। निजी और सरकारी क्षेत्र में कोविड सेंटर और स्वास्थ्य केंद्रों को बढ़ाने की जरूरत है।
- इस समय गैर-शहरी इलाकों, तालुकाओं और गांव में कोविड प्रबंधन की तैयारी की जरूरत है। वैक्सीन को लेकर भ्रामक सूचनाओं को दूर करने की जरूरत।
- चुने हुए जनप्रतिनिधियों को ये बात सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उनकी विधानसभा में पर्याप्त वैक्सीन है या नहीं।
- देश के गरीब तबके को ध्यान में रखकर ही वैक्सीन की कीमत तय की जानी चाहिए। सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाए, ये अच्छा मानवीय संकेत होगा।
- टीका लगवाने आ रहे गरीब लोगों को आईडी कार्ड जैसी बाधाओं से मुक्त करना होगा। इंदरनेट ना होना और सरकारी वेबसाइट का ज्ञान ना होना, उनके वैक्सीनेशन पर असर ना डाले।
- 12-15 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन ट्रायल होना चाहिए।
- निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य बीमा देना चाहिए। छोटे नर्सिंग होम और गैर शहरी इलाकों में क्लीनिक में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को भी इसकी जरूरत है।
- सरकारी क्षेत्र में काम कर रहीं गर्भवती महिलाओं को तीन महीने की छुट्टी देना चाहिए और साथ में वेतन में देना चाहिए।
- जिस कोरोना योद्धा ने इस जंग में अपनी जान गंवाई है, उनके परिवार में किसी एक को सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
- अगले छह महीने के लिए बड़ी सामूहिक गतिविधियों पर रोक लगाने की जरूरत है। अगले छह महीने तक राज्यों में होने वाले उपचुनाव पर रोक लगा देनी चाहिए।
भारत का कोरोनावायरस संकट
भारत COVID-19 की घातक दूसरी लहर के तहत प्रतिदिन 3 लाख से अधिक मामलों में प्रवेश कर रहा है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। देश में रविवार को 3,49,691 नए COVID -19 मामले दर्ज किए गए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक एकल-दिवसीय स्पाइक थे। पिछले 24 घंटों में बीमारी के कारण 2,767 लोगों की मौत हो गई है।