इलाहाबाद HC की सरकार को फटकार, कहा- अस्पतालों को ऑक्सीजन न देना अपराध, ये नरसंहार से कम नहीं

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से कोविड-19 मरीजों की मौत पर एक सख्त टिप्पणी की. और इसे आपराधिक कृत्य करार देते हुए कहा कि, यह उन अधिकारियों द्वारा ‘नरसंहार से कम नहीं’ जिन्हें इसकी सतत आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

यह भी पढ़े: यूपी में अब 10 मई तक लॉकडाउन, सभी शर्तें पहले की तरह लागू

48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच करें

अदालत ने यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उन खबरों पर दी जिनके मुताबिक, ऑक्सीजन की कमी के कारण लखनऊ और मेरठ जिले में कोविड-19 मरीजों की जान गई. अदालत ने लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि, वे इनकी 48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच करें.

अगली सुनवाई पर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने राज्य में संक्रमण के प्रसार और पृथक-वास केन्द्र की स्थिति संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत ने दोनों जिलाधिकारियों से कहा है कि, वे मामले की अगली सुनवाई पर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करें. और अदालत में ऑनलाइन उपस्थित रहें.

यह भी पढ़े: देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी, 37% जिलों में 20% आबादी को लगी वैक्सीन

मरीजों की जान जा रही है जो एक आपराधिक कृत्य है

अदालत ने कहा क‍ि, हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि, अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड मरीजों की जान जा रही है. यह एक आपराधिक कृत्य है और यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है. जिन्हें तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की सतत खरीद एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है.

हम अपने लोगों को इस तरह से कैसे मरने दे सकते हैं- कोर्ट

पीठ ने कहा क‍ि, जब विज्ञान इतनी उन्नति कर गया है कि, इन दिनों हृदय प्रतिरोपण और मस्तिष्क की सर्जरी की जा रही है, ऐसे में हम अपने लोगों को इस तरह से कैसे मरने दे सकते हैं. आमतौर पर हम सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऐसी खबरों को जांचने के लिए राज्य और जिला प्रशासन से नहीं कहते, लेकिन इस जनहित याचिका में पेश अधिवक्ता इस तरह की खबरों का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए हमारा सरकार को तत्काल इस संबंध में कदम उठाने के लिए कहना आवश्यक है.

यह भी पढ़े: कोरोना केसों में फिर उछाल, देश में 24 घंटे में 3.82 लाख नए मामले, 3,780 मौतें, इन राज्यों में लहर तेज

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि, पिछले रविवार को मेरठ मेडिकल कॉलेज के नए ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में ऑक्सीजन नहीं मिलने से पांच मरीजों की मौत की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. इसी तरह, लखनऊ के गोमती नगर में सन हॉस्पिटल और एक अन्य निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से डॉक्टरों के कोविड मरीजों से अपनी व्यवस्था खुद करने की खबर भी सोशल मीडिया पर है.

न्यायाधीश वीके श्रीवास्तव की संक्रमण से मृत्यु पर बोला कोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश वीके श्रीवास्तव की संक्रमण से मृत्यु पर अदालत ने कहा क‍ि, हमें बताया गया है कि, न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को 23 अप्रैल की सुबह लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन शाम तक उनकी देखभाल नहीं की गई. शाम 7:30 बजे हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और उसी रात उन्हें एसजीपीजीआई में ले जाया गया. जहां वह पांच दिन आईसीयू में रहे और उनकी कोरोना संक्रमण से असामयिक मृत्यु हो गयी.

यह भी पढ़े: ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

दवाइयां मालखाने में रखने से खराब हो जाएंगी

अदालत ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कहा है कि, वह हलफनामा दाखिल कर बताएं कि, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में न्यायमूर्ति श्रीवास्तव का क्या इलाज हुआ और उन्हें 23 अप्रैल को ही एसजीपीजीआई क्यों नहीं ले जाया गया? अवैध रूप से जब्त ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन/गोलियां और ऑक्सीमीटर को मालखाने में रखे जाने पर अदालत ने कहा, इन वस्तुओं को मालखाने में रखना किसी भी तरह से जनहित में नहीं है क्योंकि ये सभी खराब हो जाएंगे.

मतगणना के दौरान कोविड दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ

इस पर गोयल ने कहा कि, वह इस मुद्दे को राज्य सरकार के समक्ष उठाएंगे ताकि इनका उचित उपयोग हो सके और ये बेकार ना जाएं. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि, राज्य में ग्राम पंचायत चुनावों की मतगणना के दौरान कोविड दिशानिर्देशों का भारी उल्लंघन किया गया. लोग मतगणना स्थलों पर भारी संख्या में एकत्रित हुए और चुनाव अधिकारी एवं पुलिस मूक दर्शक बनी रही.

यह भी पढ़े: बेअन्दाज कंगना का ट्विटर अकाउंट हमेशा के लिए बंद, फैशन के कॉन्ट्रैक्ट्स भी रद्द

मतगणना केंद्रों का सीसीटीवी फुटेज पेश करने का निर्देश

इस पर अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को सुनवाई की अगली तारीख 7 मई, 2021 को लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और आगरा में मतगणना केंद्रों का सीसीटीवी फुटेज पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा, हम यहां स्पष्ट करते हैं कि यदि आयोग सीसीटीवी फुटेज से यह पाता है कि कोविड प्रोटोकाल का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है. तो वह इस संबंध में कार्य योजना पेश करेगा.

indra yadav

Related Posts

हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद भी इसराइल के हमले जारी, लेबनान से सटी सीमा पर टैंक तैनात किये

द लीडर हिंदी: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद भी रविवार को लेबनान में इसराइल के हमले जारी हैं. लेबनान से सटी सीमा पर इजराइल ने टैंक तैनात…

दिल्ली में बेखौफ बदमाश ने पुलिसकर्मी को कार से कुचला, फिर 10 मीटर तक घसीटा, मौत

द लीडर हिंदी: राजधानी में बेखौफ अपराधियों के हौसले बुलंद है. ये बदमाश लगातार शहर में कई वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इनको पुलिस का भी खौफ नहीं रहा.…