द लीडर। देश में अब कोरोना वायरस महामारी कमजोर पड़ने लगी है. भारत में लगातार कोरोना के मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं देश में आज कोरोना संक्रमण के 16,051 नए केस सामने आए हैं. जबकि पिछले 24 घंटों के दौरान 206 मरीजों की मौत हो गई है. मौत के नए आंकड़ों के साथ ही कोविड संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा अब 5,12,109 पर पहुंच गया है.
24 घंटों में संक्रमण से 37,901 लोग ठीक हुए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि, देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मरीज घटकर 2.02 लाख हो गए हैं. मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में संक्रमण से 37,901 लोग ठीक भी हुए, जिसके बाद कोरोना से अब तक ठीक होने वालों की संख्या 4,21,24,284 हो गई है.
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देश में रिकवरी रेट 98.33 फीसदी
वहीं एक्टिव मामलों का आंकड़ा 2,02,131 हो गया है, जो कुल मामलों का 0.47 प्रतिशत है. वहीं, दैनिक पॉजिटिविटी रेट 1.93 प्रतिशत है. जबकि विकली पॉजिटिविटी रेट 2.12 प्रतिशत है. देश में रिकवरी रेट अब 98.33 प्रतिशत हो गया है.
India registers 16,051 new COVID19 infections & 206 deaths in the last 24 hours: Active caseload stands at 2,02,131
Daily positivity rate at 1.93% pic.twitter.com/uqtlcvbbx3
— ANI (@ANI) February 21, 2022
24 घंटे में 7 लाख से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई
इस बीच, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि, रविवार को देशभर में कोरोना वायरस के लिए 8,31,087 सैंपल टेस्ट किए गए, जिसके बाद देश में सैंपल टेस्टिंग का आंकड़ा अब 76.01 करोड़ (76,01,46,333) हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि, पूरे देश में अब तक 175.46 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं.
रविवार को भारत में 7,00,706 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई. आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल वैक्सीनेशन आंकड़ा अब 1,75,46,25,710 हो गया है.
फिर हुआ कोरोना तो आपको बिना टीका का माना जाएगा
एक तरफ जहां कोरोना के केस कम हो रहे है. तो वहीं दूसरी तरफ WHO ने और भी कई गाइडलाइंस जारी किए है. बता दें कि, अगर आपको टीका लगवाए तीन महीने से अधिक समय बीत चुका है तो संक्रमण के प्रति लापरवाह रवैया खतरनाक साबित हो सकता है. डब्लूएचओ ने कहा है कि, अगर संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाला कोई व्यक्ति 90 दिन पहले दोनों डोज लगवा चुका था तो उसे टीकारहित माना जाए.
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यानी ऐसे संभावित संक्रमित व्यक्ति के इलाज को लेकर सरकारों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है क्योंकि इस अवधि के बाद टीके से मिलने वाली प्रतिरक्षा कमजोर हो जाती है. पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के कमजोर पड़ने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने दिशानिर्देशों में संशोधन किया है.
बूस्टर डोज की मांग बढ़ सकती है
वैश्विक निकाय ने जो नए प्रोटोकॉल जारी किए हैं, उनसे यही परिलक्षित हो रहा है कि, टीका लगवाने के तीन महीने बाद शरीर की प्रतिरक्षा में गिरावट होगी. यानी इस तरह दुनिया की टीका लगवा चुकी एक बड़ी तादाद के लिए बूस्टर की आवश्यकता की मांग भी जोर पकड़ सकती है.
हाल में टीका लेने वाले कम खतरे में
डब्लूएचओ ने कहा कि, हाल में जिन लोगों ने कोरोना रोधी टीका लिया है, उन्हें संक्रमण जोखिम की श्रेणी में कम खतरे वाला माना जाए. मगर जिन लोगों ने 90 दिनों से ज्यादा समय पहले टीका लगवा लिया है, उन्हें जोखिम प्राथमिकता श्रृंखला में ऊपर रखना होगा क्योंकि उनके शरीर की प्रतिरक्षा समय के साथ घटी होगी.
डब्लूएचओ ने यह भी कहा कि, अगर टीका लगवा चुके लोग किसी संक्रमित के संपर्क में आ जाते हैं तो उन्हें टीकारहित माना जाएगा और इस श्रेणी के हिसाब से ही उनके लिए सरकारें क्वारंटाइन व जांच के प्रोटोकॉल का पालन कराएं.
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कोरोना मरीज को अब अपनी रिपोर्ट निगेटिव आने के सात दिन तक ही क्वारंटाइन करने की सलाह दी गई है. पहले यह अवधि 14 दिनों की थी. जिन मरीजों के शरीर में संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, उन्हें अपनी क्वारंटाइन अवधि खत्म करने से पहले कोविड जांच नहीं करानी होगी. ऐसे लोग अपना क्वारंटाइन दस दिन के अंदर खत्म कर सकते हैं.
1% केसों में ही क्वारंटीन के बाद संक्रमण
डब्लूएचओ ने इस बदलाव के पीछे तर्क दिया है कि, क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद संक्रमण फैलने का खतरा एक फीसदी पाया गया है. अधिकतम दस फीसदी मामलों में क्वारंटाइन पूरा करने के बाद संक्रमण फैल सकता है. ये डाटा ओमीक्रोन प्रसार से पहले तक हुए ऐसे प्रसार पर आधारित है.
संक्रमण में 19% गिरावट
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संशोधित दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि, ओमीक्रोन वेरिंएट की वजह से फैले कोरोना संक्रमण के मामले अब पूरी दुनिया में कम हुए हैं.
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