बंगाल में छात्रनेता अनीस की हत्या और तिहाड़ जेल में जिशान की मौत पर उठते सवाल

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Anish Khan Murder Bengal
Anish Khan. File Photo

द लीडर : पश्चिम बंगाल की आलिया यूनिवर्सिटी में छात्रनेता रहे अनीस ख़ान की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. कथित रूप से वर्दीधारी गुंडों ने उनके घर में घुसकर क़त्ल कर दिया. इस हत्या को लेकर ममता सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. तो ऐसी ही एक दुखद ख़बर दिल्ली से हैं. जहां तिहाड़ जेल में बंद जिशान मलिक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जिशान की मौत पर सवाल उठ रहे हैं. परिजन इसे स्वभाविक मौत मानने को तैयारी नहीं हैं. वे जांच की मांग कर रहे हैं. (Anish Khan Murder Bengal)

अनीस ख़ान, सीएए-एनआरसी आंदोलन में सक्रिय एक्टिविस्ट रहे हैं. उन्होंने आलिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया है. मूलरूप से शारदा दक्षिण खांपड़ा के रहने वाले 24 साल के अनीस को तीन मंज़िला भवन से फेंककर मारा गया है.

आरोप है कि बंगाल पुलिस की वर्दी में आए चार लोगों ने इस हत्याकांड को अंज़ाम दिया है. पुलिस पर हत्या के आरोप से ही ममता सरकार निशाने पर है. सीपीआईएमएल ने इस हत्याकांड की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. अनीस की हत्या से अल्पसंख्यक समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है. जो ममता सरकार के ख़िलाफ देखा जा रहा है. (Anish Khan Murder Bengal)


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वरिष्ठ पत्रकार प्रसून आचार्य ने अनीस की हत्या को लेकर ममता सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि टीएमसी के गुंडों ने अनीस का छत से फेंककर मार डाला. अगर ऐसी घटना यूपी में होती तो अब तक तूफान मच जाता.

आपको बता दें कि अनीस वामपंथ विचार से जुड़े थे. कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद से वह घर नहीं आ पा रहे थे. शायद उन्हें विवाद या अपने ख़िलाफ किसी तरह की कार्रवाई की आशंका थी. (Anish Khan Murder Bengal)

जिशान मलिक की मौत पर घिरा तिहाड़ जेल प्रशासन

दिल्ली के करीब 18 साल के जिशान मलिक तिहाड़ जेल में बंद थे. उन पर सिगरेट के पैकेट चोरी का इल्ज़ाम था. जेल में उनकी मौत हो गई है. जिशान के पिता का आरोप है कि जेल अधिकारियों ने उनकी मौत बीमारी से बताई है. जबकि मेरा बेटा स्वस्थ था. उसे किसी तरह की बीमारी नहीं थी.

परिवार का आरोप है कि जेल में उनकी बेरहमी से पिटाई की गई है. जिसके चलते जिशान की मौत हो गई. इस घटना की भी उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है.

बहरहाल, इन दोनों घटनाओं को लेकर ट्वीटर पर इंसाफ की मुहिम चलाई जा रही है. और दोनों जगहों की क़ानून व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर आलोचनाएं की जा रही हैं.


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