लखनऊ। लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों से लोगों में खौफ का माहौल है। देश में हर दिन चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। जिससे हर किसी में भय है। वहीं मरीज इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि, अस्पतालों में उन्हें बेड तक नसीब नहीं हो रहा है। अगर आप कोरोना की चपेट में है तो आप अस्पताल न जाकर होम आइसोलेट हो सकते हैं।
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होम आइसोलेशन क्या है?
कोरोना महामारी का पूरी दुनिया में प्रकोप है। इसका संमणण एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है लेकिन यह बीमार इतनी ज्यादा घातक नहीं है कि हर मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़े। केवल 20 प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। 80 प्रतिशत लोग घर पर औरों से अलग रहकर और दिशा-निर्देशों का पालन कर स्वस्थ हो सकते हैं। मरीज का घर पर बाकी सदस्यों से अलग रहकर इलाज होम आइसोलेशन कहलाता है।
होम आइसोलेशन किन परिस्थियों में किया जा सकता है?
1- घर में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग हवादार कमरा और अलग शौचालय हो।
2- घर में कोवड-19 संक्रमित व्यक्ति के लिए 24 घंटे देखभाल करने के लए देखभालकर्ता हो।
3- कोवड-19 संक्रमित व्यक्ति में कोई गंभीर लक्षण न हों।
4- अगर आप होम आइसोलेशन के योग्य नहीं पाये जाते हैं तो आपको अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
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होम आइसोलेशन में रोगी क्या करें?
- घर के अन्य सदस्यों से दूरी रखें और अलग हवादार कमरे में रहें, जहां तक संभव हो खिड़कियां खुली रखें।
अपने घरवालों से अलग शौचालय व बाथरूम काम में लें। - हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहन कर रहें और मास्क को 6 से 8 घंटे के बाद बदलें। इसे पेपर बैग में लपेटकर 72 घंटे (3 दिन) के बाद ही सामान्य कचरा पात्र में डालें।
- साबुन व पानी से हाथों को 40 सैकंड तक अच्छी तरह धोयें या 70 प्रतिशत एल्कोहल युक्त सैनेटाइजर का उपयोग करें।
- हमेशा मास्क, रूमाल या कोहनी में ही खांसें या छीकें।
- अपने बर्तन, तौलिया, चादर आदि को अलग रखें और दूसरों को काम न लेने दें।
- यदि आपके शौचालय में ढक्कनदार पॉट है तो हमेशा फ्लश करने से पहले ढक्कन को बंद करें।
- दिन में दो बार बुखार वा ऑक्सिजन के स्तर की जांच करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी, ताजा जूस, सूप जैसे तरल पदार्थ पियें।
- अन्य रोग (शुगर, ब्लडप्रेशर आदि) का इलाज जारी रखें
- खाने में ताजा फल-सब्जी व प्रोटीन युक्त आहार ज्यादा लें, कार्बोडाइड्रेट कम लें।
- आइसोलेशन के दौरान शराब, धूम्रपान व अन्य किसी नशीली चीज का सेवन बिल्कुल न करें।
- पालतू जानवरों से दूर रहें।
- डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करें व नियमित दवाइयां लें।
- अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें और ऐप पर 24 घंटे नोटिफिकेशन और लोकेशन ट्रैकिंग, जीपीएस ट्रैकिंग को ऑन रखें।
- घर पर अतिथियों को न बुलाएं और किसी से न मिलें। स्कूल, बाजार, सार्वजनिक स्थान या सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम में न जाएं।
होम आइसोलेशन में रोगी क्या खाएं?
- घर में बना खाना खाएं
- गेहूं का आटा, दलिया, बाजरा, ब्राउन राइस खाएं
- प्रोटीनयुक्त चीजें- बीन्स, दाल
- ताजे फल और सब्जियां, खास तौर पर खट्टे फल जैसे मौसमी. नारंगी. संतरा जरूर लें
- दिन में रोज 8-10 गिलास पानी पिएं
- खाने में अदरक, लहसुन, हल्दी जैसे मसालों का उपयोग करें
- ‘लो फैट’ दूध व दही
- मांसाहारी लोग नॉनवेज को अलग से स्टोर करें और स्किनलैस चिकन, मछली और एगव्हाट्स का सेवन करें
- ध्यान रहे कि फलों व सब्जियों को अच्छे से धोकर काम में लें और खाना कम कॉलेस्ट्रोल वाले तेल में पकायें
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होम आइसोलेशन में रोगी क्या नहीं खाएं?
- मैदा, तला हुआ खाना या जंक फूड (जैसे चिप्स, बेकरी के उत्पाद)
- पैकेट वाले जूस और कोल्ड ड्रिंक
- चीज, नारियल, मक्खन, और पाल्म ऑयल जैसे अनसैचुरेटेड फैट्स
- मटन, लिवर, फ्राइड और प्रोसेस्ड मीट
- अंडे का पीला भाग सप्ताह में एक बार ही खाएं
- सप्ताह में नॉनवेज दो-तीन बार से ज्यादा न खाएं
कोरोना संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं इस वायरस से बचने के लिए डॉक्टरों के द्वारा तरह-तरह की इलाज प्रक्रिया के बारे में भी बताया जा रहा है जो प्रभावी रूप से मददगार भी साबित हो रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी घर इलाज करके ही इस वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। आइये जानते है लक्षण विहीन कम लक्षण वाले रोगियों के क्या इलाज है।
होम आइसोलेशन की अवधि
होम आइसोलेशन के शुरू होने के 14 दिनों के बाद, अगर मरीज को आखिरी 10 दिनों में बुखार या अन्य कोई लक्षण नहीं है, तो डॉक्टर से पूछकर होम आइसोलेशन को समाप्त कर सकते हैं। होम आइसोलेशन समाप्त होने के बाद लैब जांच करवाने की जरूरत नहीं है।
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आइये मिलकर कोरोना को हराएं
- बिना मास्क बाहर न जाएं
- औरों से दो गज की दूरी रखें
- बार-बार हाथ धोएं
- सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें
- भीड़ वाली जगह जाने से बचें