दिल्ली | कोरोना वायरस को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के एक साल बाद भी हालात भयावह हैं। देश में एक बार फिर कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है। बीते कई दिनों से दिन पर दिन मरीज़ों में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बैठक कर कोरोना को रोकने के लिए आदेश भी दिए हैं। हालात इतने बेकाबू होते चले गए है कि कई राज्यों में अभी लॉकडाउन लगा दिया गया है और कई जगह नाईट कर्फ्यू चल रहा है।
देश में सवा पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दिए जा चुके हैं। अब पांच महीने बाद रिकॉर्ड पहली बार 53 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 53,476 नए कोरोना केस आए और 251 लोगों की जान चली गई है। हालांकि 26,490 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। इससे पहले 23 अक्टूबर 2020 को 53,370 कोरोना केस दर्ज किए गए थे।
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India reports 53,476 new #COVID19 cases, 26,490 recoveries, and 251 deaths in the last 24 hours, as per the Union Health Ministry
Total cases: 1,17,87,534
Total recoveries: 1,12,31,650
Active cases: 3,95,192
Death toll: 1,60,692Total vaccination: 5,31,45,709 pic.twitter.com/MHqvScsPDS
— ANI (@ANI) March 25, 2021
आज देश में कोरोना की स्थिति-
कुल मामले- एक करोड़ 17 लाख 87 हजार 534
कुल डिस्चार्ज- एक करोड़ 12 लाख 31 हजार 650
कुल एक्टिव केस- तीन लाख 95 हजार 192
कुल मौत- एक लाख 60 हजार 692
कुल टीकाकरण- 5 करोड़ 31 लाख 45 हजार 709 डोज दी गई
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10 जिलों में स्थिति बेहद खराब
हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया है कि देश के दस जिलों में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. ये 10 जिले पुणे, नागपुर, मुंबई, थाने, नासिक, औरंगाबाद, बेंगलुरु, अर्बन नांदेड़, जलगांव और अकोला हैं. महाराष्ट्र में 9 जिले हैं और एक कर्नाटक का जिला है जहां सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. दो राज्यों महाराष्ट्र और पंजाब में लगातार केस बढ़ रहे हैं. इन दोनों के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ में केस तेजी से बढ़ रहे हैं.
लापरवाही के चलते फिर बेकाबू हुआ कोरोना
सरकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद लोगों ने मान लिया कि कोरोना खत्म हो गया है। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना से बचने के दूसरे उपायों को छोड़ दिया गया, जिसका खामियाजा दूसरी लहर के तौर पर सामने आ रहा है।
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