लखनऊ। लाउडस्पीकर पर ‘अजान’ के मुद्दे को उछालने के बाद अब यूपी में योगी सरकार में राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने नया हंगामा खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को जल्द ही ‘बुर्का’ पहनने से छुटकारा मिल जाएगा वैसे ही जैसे ट्रिपल तालक से मिला था।
बलिया में मीडिया से बात करते हुए संसदीय मामलों और ग्रामीण विकास के लिए राज्य मंत्री ने दावा किया कि “मुस्लिम महिलाओं का बुर्का पहनना एक बुरी प्रथा और अमानवीय है।” उन्होंने दावा किया कि कई मुस्लिम देश पहले ही महिलाओं के लिए बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। प्राचीन रीति-रिवाजों के प्रति प्रगतिशील सोच रखने वाले देशों ने मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुस्लिम महिलाओं को जंजीरों में जकड़ना गलत है। ‘
यह भी पढ़े – देश में एक बार फिर कोरोना बेकाबू : बना नया रिकॉर्ड
बलिया से भाजपा के विधायक रहे युवा राज्य मंत्री अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि देश के पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ अबुल कलाम आज़ाद की शिक्षा नीतियों में राष्ट्रवादी सोच का अभाव था। उन्होंने भारतीय इतिहासकारों द्वारा अकबर को ग्रेट कहे जाने पर भी आपत्ति जताई थी, जिसमें गुरु तेग बहादुर जैसे महान क्रांतिकारियों को अनदेखा किया गया था जिन्होंने मुगलों और विदेशी आक्रमणकारियों से लड़ते हुए अपना जीवन लगा दिया था।
इससे पहले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अज़ान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने डीएम से अनुरोध किया था कि मस्जिदों को उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार लाउडस्पीकर की आवाज़ करने का आदेश दिया जाए क्योंकि तेज आवाज़ से ‘नींद’ खराब करती है।
कुछ धार्मिक चीजें हमारी मजहब का हिस्सा: मौलाना खालिद
लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, ‘किसी को ये हक नहीं है कि बुर्के पर रोक लगाए। कुछ धार्मिक चीजें हैं, जो हमारी मजहब का अहम हिस्सा हैं और हमें अपने मजहब को फॉलो करने की संविधान में छूट है।पूरी दुनिया जब कोरोना वायरस महामारी की वजह से अपना चेहरा छुपा रही है तो ऐसे में ये पर्दा लाजमी है।’
यह भी पढ़े – पीलीभीत : खेत में मिले दो सगी बहनों के शव, पुलिस को परिवार पर हत्या का शक-कुछ सबूत भी मिले