द लीडर। पहाड़ों पर कुदरत का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। शुक्रवार देर शाम अमरनाथ में बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। वहीं हादसे में अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है। और 40 यात्री अभी भी लापता है। फिलहाल अमरनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। NDRF और SDRF की टीमें रातभर से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। अमरनाथ में अभी भी तबाही का मंजर है। अब तक पांच लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
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आईटीबीपी की ओर से बताया गया है कि, शुक्रवार शाम को जब तेज बारिश शुरू हुई थी तब हमने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि, वो अपने टेंट छोड़कर दूसरी जगहों पर चले जाएं। लेकिन जैसे ही बादल फटा वहां मौजूद श्रद्धालुओं में हाहाकार मच गया। बादल फटने से अमरनाथ गुफा के पास ही बहुत तेज पानी की धारा फूट गई। जिससे श्रद्धालु खौफ में आ गए।
बादल फटा, मची तबाही
पवित्र गुफा के बगल से अचानक सैलाब आने से वहां कई टेंट बह गए। आईटीबीपी के पीआरओ ने बताया था कि, पानी के तेज बहाव में बीच में लगे करीब 30-40 टेंट बह गए थे। फिलहाल इन टेंटों में कम लोग थे। लेकिन अभी भी 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने कहा कि, सुरक्षा बल हर लापता व्यक्ति की खोज में जुटे हुए हैं।
#WATCH | J&K: Visuals from lower reaches of Amarnath cave where a cloud burst was reported at around 5.30 pm. Rescue operation underway by NDRF, SDRF & other associated agencies. Further details awaited: Joint Police Control Room, Pahalgam
(Source: ITBP) pic.twitter.com/AEBgkWgsNp
— ANI (@ANI) July 8, 2022
यात्रा रूकी, राहत और बचाव अभियान जारी
अमरनाथ में बादल फटने के बाद अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया। बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद यात्रा को फिर से बहाल करने का निर्णय ही लिया जाएगा। यात्रा फिलहाल दोनों रास्तों बालटाल और पहलगाम से बंद है। बीते तीन जून को अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी। फिलहाल भारतीय सेना और ITBP के जवान, राहत और बचाव अभियान में जुटे हैं।
जम्मू-कश्मीर के डोडा गुंटी वन में फटा बादल
शुक्रवार देर शाम अमरनाथ में बादल फटने के बाद आज जम्मू-कश्मीर के डोडा गुंटी वन में बादल फट गया। इसके चलते बाढ़ के हालात बन गए। वहीं कई गाड़ियां मिट्टी में धंस गईं और हाईवे ब्लॉक हो गए। बताया जा रहा है कि, आर्मी कैंप में बाढ़ का पानी घुस गया। हालांकि अभी तक किसी के भी हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि, इलाके के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
स्थानीय अधिकारी ने बताया कि, ठठरी बेल्ट के गुंटी वन क्षेत्र में सुबह करीब चार बजे बादल फटा जिसके चलते भारी बाढ़ के हालात पैदा हो गए। रास्तों को खोला जा रहा है।
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जम्मू से यात्रियों को आने दिया जा रहा है लेकिन बालटाल से आगे यात्रा बंद है। इस बीच जम्मू बेस कैंप से अमरनाथ तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था रवाना हुआ। यात्रियों का कहना है कि, यात्रा के लिए सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।
A fresh batch of Amarnath Yatra pilgrims leaves from the Jammu base camp for Baltal and Pahalgam base camps in Kashmir
"We're heading towards the Pahalgam camp and are hoping that yatra will resume. We pray to Baba Bholenath to protect all the pilgrims," says a pilgrim pic.twitter.com/Js2zahzTVu
— ANI (@ANI) July 8, 2022
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया क्या हुआ था?
अमरनाथ की पवित्र गुफा से सोनमर्ग के बालटाल आधार शिविर पहुंचे एक तीर्थयात्री ने बताया कि, वहां भगदड़ जैसी स्थिति हो गई लेकिन सेना ने बहुत सहयोग किया। कई पंडाल पानी के कारण बह गए।
#WATCH | Pilgrims who reached Sonamarg's Baltal base camp from Amarnath holy cave narrate their experiences
One of them says, "A stampede-like situation happened there but Army supported a lot. Many pandals were washed away due to the water." #AmarnathCaveCloudBurst pic.twitter.com/tjF9wI1FLB
— ANI (@ANI) July 8, 2022
पहले भी बारिश हुई लेकिन ऐसा मंजर नहीं देखा
जम्मू-कश्मीर के मौसम विभाग की निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि, इस साल की शुरुआत में भी इस तरह की बारिश हुई थी। लेकिन ऐसे मंजर नहीं बने थे। जबकि स्थानीय अधिकारियों के अनुसार 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोई को नुकसान पहुंचा है। घायलों की सहायता के लिए सोनमर्ग और अन्य जगहों पर अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं।
प्रभावित लोगों के परिवारों की मदद के लिए दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर और दिल्ली के अनंतनाग में हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के अलावा संभागीय आयुक्त (कश्मीर) ने एक सेंट्रल कमांड सेंटर बनाया है। ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने कहा कि, सुरक्षा बल हर लापता व्यक्ति की खोज में जुटे हुए हैं।
घटना पर पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने जताया दुख
अमरनाथ में बादल फटने से हालात भयावह हो गए हैं। वहीं इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से घटना की पूरी जानकारी ली। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे समेत कई लोगों ने दुख जताया है.
स्थिति पर नजर बनाए हैं राज्यपाल सिन्हा
अमरनाथ में बादल फटने के बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वहां की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को तीर्थयात्रियों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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