कुतुब मीनार परिसर में 27 मंदिरों के होने का दावा : साकेत जिला अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

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द लीडर। दुनिया की सबसे ऊंची ईंटों की मीनार कुतुब मीनार भारत की राजधानी दिल्ली में मौजूद तीन विश्व धरोहरों में से एक है. गज़नी ने अपनी जीत पर जो मीनारें बनवाई थीं उनको देखकर 1192 ईसवी में कुतुब-उद-दीन-ऐबक ने कुतुब मीनार का काम शुरू करवाया था. लेकिन अब कुतुब मीनार परिसर में 27 मंदिरों के होने के दावे पर दिल्ली स्थित साकेत जिला अदालत ने मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

नोटिस केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और दिल्ली सर्कल को भेजा गया है. साकेत कोर्ट में ये याचिका भगवान विष्णु और जैन देवी देवताओं की ओर से दायर की गई है. याचिका पर अगली सुनवाई 11 मई को होगी.

जानिए वकील विष्णु शंकर जैन ने क्या कहा ?

इस पूरे मामले पर जैन देवी-देवताओं और भगवान विष्णु के वकील विष्णु शंकर जैन ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, इसमें कोई विवाद नहीं है कि मंदिरों को तोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि, इस बात को साबित करने की भी जरूरत नहीं है.


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वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि, पिछले 800 सालों से हम पीड़ित हैं और अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं. उन्होंने एएसआई एक्ट 1958 का जिक्र करते हुए कहा कि, इसके मुताबिक संरक्षित स्मारकों में भी उपासना और पूजा का अधिकार दिया जा सकता है.

बता दें कि, साकेत कोर्ट में दायर अपील में सिविल जज के इस मामले में दिए आदेश को खारिज करने की मांग की गई है. सिविल जज ने कुतुब मीनार में 27 मंदिरों की बहाली की मांग ठुकरा दी थी.

मंदिर के स्थान पर बनाया गया कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद

वर्तमान में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि, कुतुब मीनार परिसर में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को मंदिर के स्थान पर बनाया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि इस परिसर में 27 मंदिर थे.

कुतुब मीनार के बारे में जानिए ?

कुतुबमीनार दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है, लेकिन ईंट की बनी सबसे ऊंची मीनार है. यह दिल्ली के महरौली इलाके के छतरपुर में स्थित है. इसका निर्माण दिल्ली के शासक कुतुबुद्धिन ऐबक ने किया था. इसका निर्माण लाल पत्थर और मार्बल से किया गया है, जिससे इसकी खूबसूरती में और भी ज्यादा चार चांद लगता है.

गुलाम वंश के शासकों की याद में कुतुब मीनार किसकी याद में बनाया गया था. कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा निर्माण शुरु किया गया और इल्तुतमिश द्वारा अंतिम निर्माण किया गया. कुतुब मीनार कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में बनवाया गया था.

मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया

बता दें कि, अफ़गानिस्तान में स्थित, जाम की मीनार से प्रेरित और उससे आगे निकलने की इच्छा से, दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक, ने सन 1113 में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया. उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया.

इसके बाद सन 1368 में फीरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई. मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिस पर कुरान की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है.

क़ुतुब मीनार लाल और बफ सेंड स्टोन से बनी भारत की सबसे ऊंची मीनार है. 13वीं शताब्‍दी में निर्मित यह भव्‍य मीनार राजधानी, दिल्‍ली में खड़ी है. इसका व्‍यास आधार पर 14.32 मीटर और 72.5 मीटर की ऊंचाई पर शीर्ष के पास लगभग 2.75 मीटर है.


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