द लीडर | भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी मंगलवार को आखिरकार सपा की चौखट पर पहुंच ही गए। मतदान की पूर्व संध्या पर उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों में करीब घंटेभर बातचीत हुई। इसे सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है। इस मुलाकात को ब्राह्मण वोटबैंक को सपा के पक्ष में गोलबंद करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
बीजेपी से नहीं मिला था टिकट
लखनऊ में मतदान से पहले रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी की अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद अब मयंक के सपा में शामिल होने की अटकलें और तेज हो चुकी हैं। बता दें कि मयंक जोशी लखनऊ कैंट से बीजेपी का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था। जिसके बाद वो पार्टी से लगातार नाराज चल रहे थे। अब अगर मयंक सपा में शामिल होते हैं तो उन्हें अखिलेश यादव लखनऊ कैंट से टिकट दे सकते हैं। अखिलेश ने उनके साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा – “श्री मयंक जोशी जी से शिष्टाचार भेंट”
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अखिलेश ने ट्वीट कर दी जानकारी
बीजेपी सांसद के बेटे मयंक जोशी से मुलाकात की जानकारी सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी। अखिलेश ने मुलाकात की फ़ोटो ट्वीट कर लिखा- श्री मयंक जोशी जी से शिष्टाचार भेंट।
श्री मयंक जोशी जी से शिष्टाचार भेंट। pic.twitter.com/SPNPsN3vCh
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 22, 2022
लखनऊ की सभी सीटों पर मतदान
आज चौथे चरण की जिन 9 जिलों 59 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है, उसमें राजधानी लखनऊ की सभी 9 विधानसभा सीटें भी शामिल हैं। वोटिंग से एक दिन पहले मयंक जोशी का अखिलेश यादव से मुलाकात करना कहीं न कही कैंट विधानसभा सीट पर काफी हदतक असर डाल सकता है, क्योंकि इस कैंट विधानसभा सीट से रीता बहुगुणा विधायक रह चुकी हैं, इस नाते उनका कैंट सीट पर काफी दबदबा है।
रीता बहुगुणा जोशी ने कही थी इस्तीफा देने की बात
यह पार्टी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है। लखनऊ कैंट सीट से सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए टिकट मांग रही थीं। भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने यह तक कहा था कि वह (बेटा मयंक जोशी) 2009 से काम कर रहे हैं और उन्होंने इसके लिए (लखनऊ कैंट से टिकट) आवेदन किया है। लेकिन अगर पार्टी ने प्रति परिवार केवल 1 व्यक्ति को टिकट देने का फैसला किया है, तो मयंक को टिकट मिलने पर मैं अपनी वर्तमान लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दूंगी।
लखनऊ से प्रयागराज तक असर होगा?
माना जा रहा है कि इसी के बाद से मयंक जोशी नाराज चल रहे थे और रीता बहुगुणा जोशी अभी तक कहीं चुनावी प्रचार में नजर नहीं आई हैं। ऐसे में लखनऊ में वोटिंग से ठीक एक दिन पहले मयंक जोशी और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात की तस्वीर सामने आई, जिसका सियासी असर लखनऊ की कैंट सीट पर पड़ने के साथ-साथ पांचवे चरण में प्रयागराज जिले की सीटों पर भी पड़ सकता है, जहां से रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं।
सपा ने ब्राह्मणों को दिया सियासी संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मतदान से पहले मयंक जोशी को घर बुलाकर बड़ा सियासी दांव चला है। एक तरफ लखनऊ कैंट सीट पर रीता बहुगुणा के समर्थकों को सियासी संदेश दिया तो दूसरी तरफ ब्राह्मण वोटबैंक को साधने का प्रयास किया है। यूपी का चुनाव अब जिस तरह से अवध और पूर्वांचल के इलाके में है, जहां पर ब्राह्मण वोटर काफी अहम है। योगी सरकार पर ब्राह्मणों की अनदेखी का आरोप लगातार विपक्ष लगाता रहा है, जिसके चलते ब्राह्मणों को साधने के लिए तमाम पार्टियां सक्रिय है। ऐसे में अखिलेश ने मयंक जोशी के जरिए बड़ा सियासी दांव चला है।