उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर अकबर प्रयागराजी करने जैसे हास्यास्पद काम में मशगूल है, दूसरी ओर चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानाें का नाम बदल डाला। यही नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित रोबोट फौजियों की तैनाती भी बॉर्डर पर होने की चर्चा सोशल मीडिया के जरिए छनकर आ गई है। भारत सरकार की ओर से फिलहाल नाम बदले जाने पर चीन को मौखिक प्रतिक्रिया दी गई है। (China Renamed in Arunachal)
भारत के अरुणाचल प्रदेश के अहम हिस्सों पर दावा ठोकने वाले चीन की कारस्तानी जारी है। इसी कोशिश में चीन ने लगभग 15 स्थानों का नया ‘नामकरण’ किया है, जिसमें आठ टाउनशिप, दो नदियां, चार पहाड़ और अरूणाचल प्रदेश के मंदारिन में एक पहाड़ी दर्रा शामिल है।
ऐसा भी संभव है कि ऐसा ही अन्य चीनी सीमा से लगे क्षेत्रों के लिए किया गया हो, जिससे यह जाहिर किया जा सके कि वे उसी के हैं।
इस मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि चीन द्वारा स्थानों को ‘मनमाना नाम’ देने से हकीकत नहीं बदल जाएगी, क्योंकि राज्य भारत का अभिन्न अंग है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमारे पास स्थानों के नाम बदले जाने की खबरें आई हैं। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की है।’ (China Renamed in Arunachal)
बागची ने कहा, “अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। अरुणाचल प्रदेश में स्थानों को मनमाना नाम देने से यह तथ्य नहीं बदल सकता है।”
चीन ने इससे पहले 2017 में राज्य में छह जगहों के नामों का गलत इस्तेमाल किया था। इसे उस समय दलाई लामा की राज्य की यात्रा के विरोध के रूप में देखा गया था।
बीजिंग लंबे समय से भारत के अरुणाचल प्रदेश में 90 हजार वर्ग किमी से ज्यादा क्षेत्र पर दावा करता रहा है। वहीं, नई दिल्ली ने हमेशा इसे खारिज किया है। (China Renamed in Arunachal)
नाम बदले जाने की खबरों के बीच सोशल मीडिया पर कुछ नए दावे किए जा रहे हैं, जिनकी पुष्टि की दरकार भी हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार सौमित्र राॅय ने अपनी फेसबुक वॉल पर नए खतरे के रूप में चीन की हरकत पर ध्यान दिलाने की कोशिश की है।
घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखने वाले पत्रकार सौमित्र रॉय ने 29 दिसंबर की पोस्ट में लिखा है-
बहुत चिंताजनक खबर यह है कि चीन ने लद्दाख में भारत की सीमा पर 15-17 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई और भयानक ठंड को देखते हुए रोबोट्स तैनात करने शुरू कर दिए हैं। रिमोट संचालित मशीन गन, म्युल 200, जो कि बख्तरबंद गाड़ी है।
LOC पर दोनों तरफ 50 से 60 हज़ार जवान तैनात हैं। लेकिन इस तरह के रोबोट्स की तैनाती यह साफ़ इशारा है कि चीन भारत के खिलाफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) युद्ध की तैयारी कर रहा है। (China Renamed in Arunachal)
इस तरह के युद्ध में रोबोट्स और कंप्यूटर्स लड़ते हैं, इंसान नहीं।
चीन अपनी फौज को एआई के लिए तैयार कर चुका है। हम उससे कम से कम 20 साल पीछे हैं। ड्रोन और एआई का मेल किसी भी संभावित जंग को कुछ घंटों में निर्णायक बना सकता है।