दुनिया को चुनौती देगा चीन का अंतरिक्ष केंद्र ‘जन्नत महल’ पहला मोड्यूल लांच किया

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पेइचिंग।

दुनिया के तमाम बाजारों में अपनी धाक जमाने और सामरिक तैयारियों में भी ताल ठोक रहे चीन ने रूस की दोस्ती का लाभ लेते हुए अब अंतरिक्ष में न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को चुनौती देने की ठान ली है। तीन मॉड्यूल्स से तैयार हो रहे अपने अंतरिक्ष केंद्र के लिए चीन ने गुरुवार को वेन्चांग स्पेस स्टेशन से पहला कैप्सूल मोड्यूल भेज दिया है। 2022 तक चीन का अंतरिक्ष स्टेशन पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इसका नाम भी गजब रखा है,- तियांगोंग। इसका मतलब हुआ जन्नत का महल।

आने वाले दिनों में ऐसी ही कई लॉन्चिंग के जरिए स्पेस स्टेशन के बाकी हिस्सों को भी अंतरिक्ष में पहुंचा दिया जाएगा। चीन की योजना इस साल के अंत या अगले साल शुरू में अपने पहले स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन को शुरू करने की है। अभी तक केवल रूस और अमेरिका ने ही ऐसा कारनामा किया है। हालांकि, इस समय केवल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ही सक्रिय है।

लॉन्ग मार्च-5 बी रॉकेट

चीन ने वेन्चांग स्पेस लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च-5 बी रॉकेट के जरिए स्पेस स्टेशन के कोर कैप्सूल को अंतरिक्ष में लॉन्च किया। यह लॉन्ग मार्च-5बी की दूसरी उड़ान थी। चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) में अंतरिक्ष के उप मुख्य डिजाइनर बाई लिन्होउ ने कहा कि तियांहे मॉड्यूल अंतरिक्ष केंद्र तियानगोंग के प्रबंधन एवं नियंत्रण केंद्र के रूप में काम करेगा और इसमें एक साथ तीन अंतरिक्ष यान खड़ा करने की व्यवस्था है।

लांग मार्च 2

यह मल्टीमॉडल स्पेस स्टेशन मुख्य रूप से तीन पार्ट से मिलकर बना होगा, जिसमें एक अंतरिक्ष कैप्सूल और दो लैब होंगी। स्पेस स्टेशन के कोर कैप्सूल का नाम तियान्हे (Tianhe) रखा गया है, जिसका मतलब स्वर्ग का सद्भाव होता है।

15 साल तक करेगा काम

चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने द इसकी जीवन अवधि 15 साल आंकी गई है। चीनी कोर कैप्सूल की लंबाई 4.2 मीटर और डायामीटर 16.6 मीटर है। इसी जगह से पूरे अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन किया जाएगा। अंतरिक्ष यात्री इसी जगह पर रहते हुए पूरे स्पेस स्टेशन को कंट्रोल कर सकेंगे। इस मॉड्यूल में साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट करने की भी जगह होगी। इस कैप्सूल में कनेक्टिंग सेक्शन के तीन हिस्से होंगे, जिसमें एक एक लाइफ-सपोर्ट, दूसरा कंट्रोल सेक्शन और तीसरा रिसोर्स सेक्शन होगा।

T’ के आकार का होगा

चीन के अंतरिक्ष केंद्र का आकार अंग्रेजी के वर्ण टी (T) की तरह होगा जिसके मध्य में मुख्य मॉड्यूल होगा, जबकि दोनों ओर प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कैप्सूल होंगे। प्रत्येक मॉड्यूल का वजन 20 टन होगा और जब अंतरिक्ष केंद्र पर, अंतरिक्ष यात्री और सामान लेकर यान पहुंचेंगे तो इसका वजन 100 टन तक पहुंच सकता हैं। इस अंतरिक्ष केंद्र को पृथ्वी की निचली कक्षा में 340 से 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जा रहा है

चीन का स्पेस मिशन एक नज़र

– यह तीन मॉड्यूल का स्टेशन होगा। वजन होगा 66 मीट्रिक टन
– यहां एक बार में तीन अंतरिक्ष यात्री रुकेंगे और छह माह बाद उनके बदले दूसरे वहां जाएंगे।
– पहली बार जून 2021 में तीन वैज्ञानिक वहां भेजे जाएंगे। इन्हें शेंझाऊ 12 यान से भेजा जाएगा।
– शेंझाऊ अंतरिक्ष यान से मई में ईंधन की पहली खेप जाएगी।
– यहां, दवा, लाइफ साइंस,माइक्रोग्रेविटी,बॉयोटेक, कम्बस्टन, तरल भौतिकी आदि पर प्रयोग होंगे।
आपातकाल में अंतरिक्ष यात्रियों को निकालने के लिए लांग मार्च 2 एफ राकेट से भेजा जाने वाला अगला शेंझाऊ यान हमेशा तैयार रहेगा।

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