अमेरिका को पछाड़ दुनिया का सबसे अमीर देश बना चीन, जानिए कैसे 17 गुना बढ़ गई चीन की दौलत ?

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द लीडर। संपत्ति के मामले में अब तक सबसे अमीर देश रहे अमेरिका को पछाड़कर चीन ने ये खिताब हासिल कर लिया है। जी हां, संपत्ति के मामले में अब चीन दुनिया का नंबर एक देश बन गया है। चीन ने अमेरिका को पछाड़कर दो दशकों के भीतर अपनी संपत्ति में इजाफा कर शीर्ष स्थान हासिल किया है। दुनिया का बॉस कहा जाने वाला अमेरिका अब हर मोर्चे पर चीन से पीछे खिसकता दिखाई पड़ रहा है. इस बार चीन ने अमेरिका को पछाड़कर दुनिया के सबसे अमीर देश का तमंगा हासिल किया है. बता दें कि, पिछले 20 सालों में दुनिया की संपत्ति तीन गुना हो गई है. इन सबके बीच सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबर ये है कि, इन संपत्तियों में चीन की हिस्‍सेदारी एक-तिहाई है. दुनियाभर के देशों की बैलेंसशीट पर नजर रखने वाली मैनेजमेंट कंसल्टेंट मैकिन्ज़ी एंड कंपनी की अनुसंधान शाखा की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अब दुनिया का सबसे अमीर देश बन चुका है.


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चीन की आर्थिक वृद्धि में जोरदार बढ़ोतरी

पिछले दो दशकों में वैश्विक संपत्ति तीन गुना हो गई है, जिसमें चीन सबसे आगे है। चीन ने दुनिया भर में शीर्ष स्थान हासिल करते हुए अमेरिका (यूएस) को पीछे छोड़ दिया है। इस संबंध में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की कुल संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा चीन के पास है। विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने से एक साल पहले वर्ष 2000 में इसकी संपत्ति केवल सात खरब डॉलर थी, जो अब बढ़कर 120 खरब डॉलर हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन की आर्थिक वृद्धि में लगातार तेजी आई है। 20 साल की अवधि में दुनिया ने जितनी संपत्ति अर्जित की, उसमें करीब एक-तिहाई हिस्सा चीन का ही है।

10 देशों पर केंद्रित रिपोर्ट में खुलासा

दुनिया की 60 फीसदी आमदनी के लिए जिम्मेदार 10 देशों की बैलेंसशीट पर नजर रखने वाली मैनेजमेंट कंसल्टेंट मैकिन्से एंड कंपनी की अनुसंधान शाखा की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। दरअसल, मैनेजमेंट कंसल्टेंट मैकिन्से विश्व आय के 60 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करने वाले दस देशों की राष्ट्रीय बैलेंस शीट की जांच करता है। इसका मुख्यालय ज्यूरिख में है। रिपोर्ट में बताया गया दुनिया भर में कुल संपत्ति वर्ष 2000 में 156 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर वर्ष 2020 में 514 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।


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रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 में दुनिया की कुल संपत्ति 156 खरब डॉलर थी जो साल 2020 यानि की 20 साल के बाद बढ़कर 514 खरब डॉलर हो गई. मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट के एक सहयोगी जान मिशके ने कहा कि, दुनिया के कई देश तेजी से अमीर हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि, वैश्विक कुल संपत्ति का 68% हिस्सा अचल संपत्ति के रूप में मौजूद है, जबकि बाकी की संपत्ति में बुनियादी ढांचा, मशीनरी और उपकरण जैसी चीजें शामिल हैं. रिपोर्ट में सबसे ज्‍यादा हैरान करने वाली बात चीन को लेकर सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 में चीन की कुल संपत्ति 7 खरब डॉलर थी जो साल 2020 में तेजी से बढ़कर 120 खरब डॉलर पहुंच गई है.

अमेरिका के नीचे आने का यह रहा कारण

अमेरिका की संपत्ति में भी जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। यूएस की संपत्ति बीते 20 सालों दोगुनी से ज्यादा बढ़ गई है। साल 2000 में अमेरिकी संपत्ति 90 खरब डॉलर थी। रिपोर्ट का कहना है कि, यहां प्रॉपर्टी के दामों में बहुत ज्यादा वृद्धि न होने से अमेरिकी की संपत्ति चीन के मुकाबले कम रही। यही कारण है कि अमेरिका नंबर एक के पायदान से खिसक गया और यह तमगा अब चीन के नाम हो गया।

रियल एस्टेट का दबदबा

मैकिंजी की रिपोर्ट कहती है कि, दुनिया की कुल संपत्ति में 68 फीसदी हिस्सेदारी रियल एस्टेट सेक्टर की है। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी और इक्विपमेंट, इंटेलेक्टुअल प्रॉपर्टी और पेटेंट भी शामिल है। वैश्विक संपत्ति के कैलकुलेशन में फाइनैंशल एसेट्स को शामिल नहीं किया गया है।


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