छत्तीसगढ़ : कथित रूप से नक्सली महिला की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस

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Chhattisgarh High Court State Government Naxalite Death

छत्तीसगढ़ : दंतेवाड़ा में एक 27 वर्षीय कथित रूप से नक्सली महिला की पुलिस हिरासत में मौत का मामला चर्चा में है. मृतिका के माता-पिता की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही कहा कि महिला के माता-पिता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए आवेदन करने को स्वतंत्र है. आवेदन के सप्ताह भर अंतराल में दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक को पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी. (Chhattisgarh High Court State Government Naxalite Death)

मृतक महिला के माता-पिता ने हाईकोर्ट में एक आपराधिक रिट दायर की थी. जिसमें दावा किया था कि उनकी बेटी नक्सली नहीं थी. बीती 18 फरवरी को उसे जिला रिजर्व ग्रुप (DGC)ने अगवा किया था. और 19 फरवरी को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनकी बेटी समेत छह नक्सलियों को आत्मसमर्पण किए जाने के तौर पर पेश कर दिया गया.

याचिका में दावा किया उसे बेरहमी से पीटा गया था. ‘जब हम उससे मिले तो उसका चेहरा काफी सूजा था. बेटी से बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया है कि उसने बताया ‘अपहरण करने के बाद उसे पेड़ से बांधा गया था और नक्सली के तौर पर आत्मसमपर्ण किए जाने की धमकी दी गई थी.’


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याचिका में उल्लेख किया है कि नक्सली और माओवादियों के आत्मसमर्पण के लिए ‘लोन वरातु’ अभियान चल रहा है, जिसे स्थानीय पुलिस ने शुरू किया था. उसके अंतर्गत नक्सली और माओवादियों को आत्मसमर्पण कराकर उनका पुनर्वास करने की योजना है.

लेकिन बेटी की हिरासत के दौरान जब वह दोबारा पुलिस के पास गए तो बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है. अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद उसका शव सौंप दिया गया. वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट साझा करने की गुहार लगाते रहे, फिर भी नहीं दी गई. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि बेटी के शव पर फांसी लगाने का कोई निशान नहीं मिला था. और पोस्टमार्टम भी जल्दबाजी में कर दिया गया. ये भी अंदेशा भी जताया कि शारीरिक प्रताड़ना और यौन हिंसा के कारण भी पुलिस हिरासत में उसे मार दिया गया हो.


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लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि वह ”दिशानिर्देश देते हैं कि पुलिस मुठभेड़ के मामले में जिला अस्पताल के दो चिकित्सकों के जरिये पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए. इसमें एक जिला अस्पताल का प्रमुख भी शामिल रहे. पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराकर उसे संरक्षित रखा जाए. मौत का कारण भी पता लगाना चाहिए कि ये अचानक थी, आत्महत्या या फिर हत्या थी. ” याचिका में एसआइटी जांच के साथ 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग शामिल है.

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