द लीडर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में 12 साल के बाद बड़े स्तर पर बदलाव हुए हैं. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दत्तात्रेय होसबोले को सर्वसम्मति से नए सरकार्यवाह का दायित्व मिला है. वह सुरेश भैयाजी जोशी के स्थान पर आए हैं. वहीं, अरुण कुमार और राम दत्त नए सह-सरकार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) चुने गए हैं. रामलाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख का दायित्व मिला है. इस तरह संघ की नई टीम तैयार हुई है.
बेंगलुरु के जनसेवा विद्या केंद्र में संगठन की दो दिवसीय प्रतिनिधि सभा चल रही है. इसी में शनिवार को ये निर्णय लिया गया है. संघ के सरकार्यवाह का पद महासचिव के समकक्ष होता है. ये संघ का दूसरा सर्वोच्च पद है.
दत्तात्रेय होसबोले (@DattaHosabale) पिछले 12 वर्ष से इस पद पर काम कर रहे सुरेश भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलुरु के जनसेवा विद्या केंद्र में चल रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में शनिवार को यह निर्णय लिया गया। pic.twitter.com/Um5YegdBvB
— IANS Hindi (@IANSKhabar) March 20, 2021
वहीं, संघ से भाजपा में महासचिव बनकर आए राधा माधव वापस आरएसएस में लौट आए हैं. अब वह संघ के सेवा कार्यों को अंजाम देंगे. राधा माधव ने भाजपा में रहते हुए कई प्रमुख मुद्दों पर अपनी अहम भूमिका निभाई है. पिछले दिनों उन्होंने एक आलेख लिखा था, जो काफी सुर्खियों में रहा था.
भाजपा में राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल की भी संघ में वापसी हो गई है. उन्हें अखिल भातरीय संपर्क प्रमुख का दायित्व मिला है.
एबीवीपी से संघ में पहुंचे दत्तात्रेय
कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुका में एक दिसंबर 1955 को जन्में दत्तात्रेय अंग्रेजी में एमए हैं. वह 13 साल की उम्र में 1968 में आरएसएस से जुड़ गए थे. और 1972 में संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. करीब 15 साल तक वह एबीवीपी के संगठन मंत्री रहे. 2004 में एबवीपी से संघ में वापस आए और अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख का दायित्व मिला. साल 2008 में वह सह सरकार्यवाह के पद पर थे.
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जेपी आंदोलन में जेल भी गए
1975-77 में जय प्रकाश नारायण (जेपी) आंदोलन के दौरान दत्तात्रेय ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई थी. तब उन्हें मीसा के अंतर्गत करीब दो साल तक जेल में रहना पड़ा था. विद्यार्थी परिषद और संघ में रहते हुए उनके पास पूर्वोत्तर से लेकर दक्षिण राज्यों में काम का अनुभव है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2024 में लोकसभा चुनाव है. संघ में दूसरे नंबर के ओहदे पर बैठे होने के कारण भाजपा को दक्षिण में फायदा मिल सकता है.
संघ के कई पदों पर बदलाव के क्रम में एबीवीपी से आरएसएस में सह प्रचार प्रमुख बनाए गए सुनील आंबेडकर को प्रचार प्रमुख की नई जिम्मेदारी मिली है. इसी तरह पश्चिम क्षेत्र के प्रचारक की कमान महेंद्र तो ब्रज क्षेत्र के सह प्रांत प्रचारक का दायित्व धर्मेंद्र को मिला है.