#बाबरसा: ढाई सौ साल पुरानी है ये ‘सेकुलर’ मिठाई

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श्रीपति त्रिवेदी

कोलकाता। बंगाल में चुनाव चरम पर है। सारी पार्टियां अपनी विपक्षी पार्टियों पर पूरी कड़वाहट निकाल रही हैं, लेकिन अपने लिए वोट मांगते वक्त उनकी जुबान मीठी हो जाती है। शायद यह बंगाल की मिठाइयों का ही कमाल है। हम आपको अब तक बंगाल की कई मिठाइयों के बारे में बता चुके हैं। अब हम आपके सामने एक और मिठाई पेश कर रहे हैं। इस मिठाई का नाम है “बाबरसा”।

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बाबरसा खासतौर पर बंगाल के मेदिनीपुर जिले की मिठाई है हालांकि मेदनीपुर में वोटिंग हो चुकी है लेकिन यह मिठाई हमेशा लोगों की जुबान पर अपना असर छोड़ती आई है। बाबरसा दूध, आटा, चीनी और शहद से बनी मिठाई है। इसका इतिहास तकरीबन ढाई सौ साल पुराना है। इसे सबसे पहले आक्रमणकारी मुगल बादशाह बाबर की खिदमत में पेश किया गया था। तभी से यह मिठाई बाबरसा के नाम से जानी जाती है। इसकी मिठास आज भी लोगों के जुबान पर है। उम्मीद है की चुनाव कोई भी जीते बाबरसा के जलवे में कोई कमी नहीं आएगी।

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अब आपको बताते हैं कि यह मिठाई बनाई कैसे जाती है। दूध में आटा और चीनी घोलकर उसे लच्छे जैसा आकार दिया जाता है। फिर उस पर शहद डालकर खाने के लिए परोसा जाता है। बहुत साधारण सी चीजों से बनने वाला बाबर सा ढाई सौ साल से लोगों के जुबान पर राज कर रही है। इतने समय तक तो बंगाल में किसी राजनीतिक पार्टी ने भी  राज नहीं किया जितने समय से बाबरसा राज कर रही है।

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