आला हजरत के उर्स में बवाल मामले में दो गिरफ्तार, 500 पर केस, दरगाह से ऐलान-जायरीन पर जुल्म बर्दाश्त नहीं

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Bareilly Ala Hazrat Urs
उर्स में रास्ता ब्लॉक होने पर विरोध दर्ज कराते जायरीन. यहां पुलिस पर नहीं बल्कि इंतजामियां के प्रति गुस्से का इजहार किया गया. Bareilly

द लीडर : उत्तर प्रदेश के बरेली में आला हजरत (Ala Hazrat) के 103वें उर्से रजवी में हाजिरी देने पहुंचे जायरीन और पुलिस के बीच झड़प मामले में केस दर्ज हो गया है. बारादरी पुलिस ने 7 नामजद और 400 से 500 अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत किया है. रात को दो लोग हिरासत में लिए गए हैं. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC)की कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं. दरगाह आला हजरत और ताजुश्शरिया के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा ने ऐलान किया है कि जायरीन पर पुलिस का जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.(Bareilly Ala Hazrat Urs)

जिसमें आइपीसी की धारा 147, 332, 353, 336, 504, 506 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई शामिल है. जो लोग नाजमद हैं, उनमें मुहम्मद दानिश, जफर, शोएब, वसीम, जुबैर, नन्हे, फाजिल का नाम शामिल है. मुहम्मद दानिश और एक अन्य पुलिस की हिरासत में हैं.

सोमवार को आला हजरत का कुल था. इसमें लाखों अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ पड़ा था. दूसरी तरफ पुलिस ने रास्तों को ब्लॉक कर दिया. जगह-जगह बैरिकेड लगा दिए. ताकि एक जगह पर ज्यादा भीड़ न जुटने पाए. शहर के शहामतगंज चौराहे से बरेली कॉलेज वाले रास्ते को पुलिस ने रोक रखा था. जहां सैकड़ों जायरीन जमा हो गए. विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस से नोकझोंक हो गई.


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ये मामला यहीं नहीं रुका. भीड़ के बीच से एक-दो पत्थर चलने से पुलिस ने बल प्रयोग करके भीड़ को खदेड़ा. दरगाह के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के प्रवक्ता समरान खान मौके पर पहुंचे. भीड़ को समझाकर वापस कराने की कोशिशें करते रहे. (Bareilly Ala Hazrat Urs)

बवाल की सूचना पर डीएम नितीश कुमार, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण भी पहुंच गए. पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. और भीड़ को दूसरे रास्ते से निकाला गया. मामला शांत होने के बाद शाम को पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर नामजद और अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज किया है.

जायरीन की गिरफ्तारी के बीच दरगाह के चाहने वाले और मुरीदों में नाराजगी है. जिसकी झलक सोमवार को भी दिखी थी. वहीं, इस विवाद को लेकर दरगाह आला हजरत से कोई बयान सामने नहीं आया है. दरगाह से जुड़े लोगों के मुताबिक, दरगाह के सज्जादगान से मामले पर चर्चा की जा रही है. पुलिस अधिकारियों से भी बात कर रहे हैं.

कैसे बिगड़ गए हालात

दरगाह आला हजरत से उर्से रजवी को लेकर लगातार यही अपील की जाती रही कि, जायरीन घरों पर रहकर ही उर्स मनाएं. इस बीच शासन ने खुले मैदान पर आयोजित कार्यक्रमों में 100 लोगों का प्रतिबंध हटा लिया. इससे भीड़ में ये मैसेज गया कि आम लोग भी उर्स में आ सकेंगे.

अब सवाल ये है कि फिर चूक कहां हुई. पहली नजर में दरगाह से जो लोग प्रशासन से संपर्क रखते हैं. वो स्थिति को स्पष्ट नहीं कर पाए. मसलन, सरकार से राहत मिलने के बाद जायरीन की भीड़ जरूर उमड़ेगी. इस संभावना से प्रशासनिक को ठीक से अवगत नहीं कराया गया. जायरीन भी यही सवाल उठाकर इंतजामियां के प्रति अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे.

दूसरी बात कि कुल से पहले जब प्रशासन ने सुबह से ही सारे रास्तों को ब्लॉक कर दिया था. तब, प्रशासन से बात क्यों नहीं की गई? और पुलिस के साथ मिलकर हर बैरिकेड पर अपने वॉलिंटियर्स क्यों नहीं तैनात किए गए?

इसको लेकर दरगाह के कुछ लोगों की भी नाराजगी सामने आ रही है. और दरगाह के प्रमुख जिम्मेदारों के सामने इन तथ्यों को रखा जा सकता है. जिससे भविष्य में इस तरह के हालातों से कैसे निबटा जाए. इस पर सलाह मशविरा करके पहले से ही ठोस प्लान बना लिया जाए. (Bareilly Ala Hazrat Urs)

बरेली पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है. और ये नोट जारी किया है.

जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन ने शहामतगंज विवाद मामले में जायरीन के खिलाफ कार्रवाई पर अफसोस और नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि आला हजरत के जायरीन पर जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमारे प्रवक्ता समरान खान के मनाने पर जायरीन वापस लौट गए. पुलिस का सहयोग किया. लेकिन फिर भी बेकसूर मेहमानों पर गंभीर धाराओं में मुकदमे लिखे गए. पुलिस केस वापस नहीं लेती है तो हम जल्द ही जिले के आला अधिकारियों से बात की जाएगी.

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