आला हजरत के मंच से ऐलान, राजनीतिक दलों से सावधान रहें मुसलमान

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Ala hazrat Urse Razvi 
आला हजरत के कुल में मौजूद जायरीन.

द लीडर : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले आला हजरत के उर्से रजवी मंच से मुसलमानों को राजनीतिक एतबार से एक बड़ा पैगाम दिया गया है. साफ लफ्जों में ये हिदायत है कि, मुसलमान दोनों तरह की सियासी पार्टियों से सावधान रहें. ये समाज से मुहब्बतों को खत्म कर रही हैं. एक पार्टी है, जो मुसलमानों को खुलेआम निशाना बना रही है. इनके नेता मजहब, तो कभी पैगंबर-ए-इस्लाम और मदरसों को टारगेट करके, मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करते हैं. तो दूसरी तरफ ऐसी पार्टियां हैं, जो मुसलमानों से हमदर्दी तो जताती हैं. लेकिन असल में इनको सिर्फ मुसलमानों के वोट से मलतब है. उनके मसले, समस्याओं की रत्ती भर भी फिक्र नहीं. इस तरह के दोनों दलों से नुकसान, मुसलमानों का हो रहा है.

इस पैगाम के साथ मुफ्ती सलीम नूरी ने मंच से ऐलान किया कि, मुसलमान किसी भी सियासी पार्टी पर भरोसा न करें. बल्कि अपने आप को मजबूत बनाएं. इल्म हासिल करें. ये देश सबका है. हिंदू-मुसलमान, सबने मिलकर इसे आजाद कराया. सैकड़ों उलमा ने कुर्बानियां दीं. यहां मुहब्बतों की जरूरत है. नफरतों की नहीं.

 

उलमा से गुजारिश की गई कि वे देश भर में जलसे, महफिलों के जरिये खानकाही निजाम, सूफियों और बुजुर्गों से मुहब्बत का सिलसिला आम करें. सोमवार को आला हजरत के तीन रोजा उर्से रजवी का कुल हुआ. इसी मंच से ये संदेश जारी हुआ.

उर्स में लाखों की तादाद में जायरीन का हुजूम उमड़ पड़ा. इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान के आस-पास जायरीन की भारी भीड़ थी. गलियां जाम हो गईं. पुलिस ने बैरिकेड भी लगा रखे थे. जहां से आगे बढ़ने को लेकर नोकझोंक भी हुई. कुल से करीब घंटाभर पहले इस्लामियां के इर्द-गिर्द के बैरकिडे हटा लिए गए. जायरीन का एक हुजूम इनसे होकर इस्लामियां पहुंचता रहा.

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां, सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में उर्से रजवी के मंच पर सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां, मौलाना तौसीफ मियां, मुफ्ती अर्सलान मियां, समेत तमाम उलमा और आला हजरत खानदान के लोग मौजूद रहे. उर्से रजवी का दूसरा मंच मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में सजा था. जहां दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती में उर्स हुआ. वहां भी बेशुमार भीड़ उमड़ी.

इस्लामियां में मंच का संचालन कारी यूसुफ रजा ने किया. उलमा ने नातो मनकबत का नजराना पेश किया. मुफ्ती अर्सलान रजा, मौलाना शहाबुद्​दीन रजवी की किताबों का विमोचन हुआ. दोनों जगहों पर तकरीरों का सिलसिला चला.

उलमा ने पानी बचाने, दहेज से बचने का भी पैगाम दिया. कारी सखावत ने सज्जादानशीन के पैगाम के हवाले से कहा कि मुसलमान शादियों में फिजूलखर्ची से बचें. डीजे-बैंडबाजा से दूरी बनाएं. जहां ऐसी शादियां हों, तो उनसे भी दूरी बनाएं.

लव जिहाद का भी जिक्र हुआ. मौलाना तौसीफ संभली ने कहा कि कानून सबके लिए एक है. लेकिन ये अजीब बात है कि उनके तरफ से घर वापसी और हमारे लिए लव जिहाद. मुसलमान अपने बच्चों का ख्यान रखें. सही-गलत का फर्क बताएं. मौलाना मुख्तयार ने कहा कि बेटियां किसी भी धर्म से ताल्लुक रखती हों, उनकी इज्जत करें. वे हमारी बेटियां-बहनें हैं. इन सभी की हिफाजत की जिम्मेदारी हम सबकी है. यही इस्लाम का पैगाम है. आला हजरत के फतवों पर रौशनी डाली गई.

आखिर में दोपहर 2:38 बजे आला हजरत का कुल हुआ. दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने जायरीन के हक और मुल्क में अमन-शांति के लिए दुआ की. उर्स प्रभारी आसिफ मियां की निगरानी में व्यवस्थाएं की गई थीं. दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स बेहद सुकून के साथ संपन्न हुआ है.

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