द लीडर : आला हज़रत ख़ानदान के बुजुर्ग़, मुफ़्ती अख़्तर रज़ा ख़ान जोकि ताजुश्शरिया के तौर पर देश-दुनिया में जाने जाते हैं. उनके तीसरे उर्स में कुछ अड़चनें सामने आ रही हैं. 6 और 7 जून को बरेली के मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रज़ा में उर्स होना है. जिसकी तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं. लेकिन परशुराम सेना विरोध में खड़ी हो गई है. डीएम को भेजी शिकायत में सेना ने इसे नई परंपरा बताया है. सोमवार को ज़िला प्रशासन के साथ दरगाह इंतज़ामिया की बैठक हुई. ख़बर ये है कि प्रशासन से अभी उर्स आयोजन को हरी झंडी नहीं मिली है. अब अगले दौर की बैठक में इस पर चर्चा होगी. (Tajushshariya Urs Bareilly Dargah)
ज़िलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के नेतृत्व में प्रशासन और दरगाह इंतज़ामिया की बैठक हुई. दरगाह प्रतिनिध मंडल ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि मदरसा तामियातुर्रज़ा का विशाल कैंपस है. जिसकी क्षमता 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों के बैठने की है. अधिकारियों ने मदरसा कैंपस और उर्स आयोजन को लेकर कुछ और जानकारियां मांगी हैं.
उधर दरगाह इंतजामियां का तर्क है कि उर्स को लेकर प्रशासन को 9 मई को ही एक पत्र दिया जा चुका है. उर्स से पहले प्रशासन के साथ औपचारिक बैठक होती है, जिसमें आयोजन की तैयारियां, मसलन साफ-सफाई, पेयजल-सुरक्षा और यातायात को लेकर चर्चा की जाती है. जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन ख़ान ने कहा कि, प्रशासन के साथ बैठक हुई है. इसमें उर्स आयोजन पर चर्चा की गई. अनुमति पर संशय जैसी कोई बात नहीं है.
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ताजुश्शरिया दरगाह के सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी-असजद मियां हैं. उन्हीं की सरपरस्ती में उर्स होता है. 20 जुलाई 2018 को ताजुश्शरिया का इंतकाल हुआ था. साल 2019 में उनका पहला उर्स मनाया गया. दरगाह इंतजामियां ने इस्लामियां में उर्स की अनुमति मांगी थी. लेकिन इस पर विवाद हुआ तो मदरसा जामियातुरर्ज़ा में उर्स की अनुमति दी गई थी. इस तरह ताजुश्शरिया का पहला उर्स यादगार तरीके से मनाया गया. Tajushshariya Urs Bareilly Dargah)
चूंकि पिछले दो साल से कोविड का दौर रहा है. इस दरम्यान सभी सार्वजनिक कार्यक्रम बंद रहे. इसलिए उर्स भी नहीं हुआ. अभी कोविड से राहत है तो दरगाह पर फिर से उर्स की तैयारियां चल रही हैं.
आगामी 6 और 7 जून को उर्स है. जिसके पोस्टर देश-दुनिया में भेजे जा रहे हैं. और इंतजामियां बाहर से आने वाले जायरीन के रहने, खाने पीने की व्यवस्था में जुटे हैं. आपको बता दें कि ताजुश्शरिया विश्व की 500 महशूर मुस्लिम हस्तियां में शामिल रहे हैं. दुनिया भर में उनके करोड़ों चाहने वाले हैं. उनके पहले उर्स में इसकी झलक दिखाई पड़ी थी. जब बरेली शहर से लेकर मथुरापुर तक की सड़कें भीड़ से जाम हो गईं थीं.
चूंकि ये दूसरा मौका होगा, जब जायरीन अपने पीर के उर्स में शामिल होने की उम्मीद लगाए हैं. इसलिए इस बार भी उर्स में भारी भीड़ उमड़ने का अंदाजा लगाया जा रहा है. बहराहल, जमात रज़ा-ए-मुस्तफा की ओर से कहा गया है कि उर्स की तैयारियां जारी हैं. जिन बिंदुओं पर डाउट है, प्रशासन के साथ दूसरे दौर की बातचीत में उन्हें क्लियर कर लिया जाएगा. Tajushshariya Urs Bareilly Dargah)