द लीडर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद मुहम्मद आजम खान के खिलाफ बेटे के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में आरोप तय हो गए हैं. बुधवार को रामपुर की एमपी-एलएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. आजम खान और अब्दुल्ला आजम वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में हाजिर हुए. जबकि आजम खान की बीवी डॉ. तजीन फातिमा कोर्ट में हाजिर हुईं.
एक दिन पहले ही रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान की डिस्चार्ज अर्जी खारिज की थी. और अब आरोप तय हो जाने के बाद आजम खान, डॉ. तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मुकदमा चलेगा.
इस सुनवाई को लेकर आजम खान ने पेशी से छूट की अर्जी लगा रखी थी. इसलिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही उनकी उपस्थिति दर्ज की गई.
भाजपा नेता ने दर्ज कराया था मुकदमा
स्वार से अब्दुल्ला आज़म के चुनाव जीतने के बाद यह मुकदमा भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी ने दर्ज कराया था. इल्जाम लगाया था कि नगर पालिका परिषद रामपुर से बने प्रमाण-पत्र के आधार पर अब्दुल्ला की जन्मतिथि कम थी.
आजम खान और अब्दुल्ला को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत, पैनकार्ड मामले में जमानत मंजूर
चुनाव लड़कर विधायक बनवाने के लिए आज़म ख़ान ने दूसरा सर्टिफिकेट नगर निगम लखनऊ से बनवा लिया. दोनों में अब्दुल्ला आज़म की जन्मतिथि अलग है. इसी आधार पर हाईकोर्ट अब्दुल्ला आज़म की विधानसभा सदस्यता को खारिज कर चुका है.
इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि अशुद्ध लिखी गई जन्मतिथि व जन्मस्थान को शुद्ध कराने से आपराधिक दायित्व का सृजन नहीं होता. अभियुक्तगण को इस केस में राजनीतिक दुश्मनी के सबब फंसाया गया है. अभियुक्तगण के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा धारा 23 रजिस्ट्रेशन आफ बर्थ एंड डेथ एक्ट 1969 का मामला बनता है.
कोर्ट ने तर्कों से सहमित नहीं जताई
कोर्ट ने डिस्चार्ज अर्जी के दौरान बहस में पेश किए गए इन तर्कों से सहमित नहीं जताई, इसिलए क्योंकि अभियोजन की ओर से यह कहते हुए विरोध किया गया कि अब्दुल्ला आज़म को विधायक बनाने के लिए दो जन्म प्रमाण-पत्र बनवाए गए. हाईकोर्ट ने इस आधार पर ही उनकी सदस्यता खारिज करने का फैसला सुनाया.
सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का भी अभियोजन ने हवाला दिया. पासपोर्ट अधकारी मुहम्मद नसीम अहमद से लेकर नगर पालिका रामपुर के रिकार्ड कीपर सलीम, केजीएमयू के डॉक्टर उमा सिंह के केस डायरी मे दर्ज बयानों का उल्लेख भी किया गया.
बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने साक्ष्य़ों के आधार पर आज़म ख़ान की डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया. बता दें कि पेन कार्ड मामले में आज़म को पिछले दिनों ही ज़मानत मिली है. ऐसे में बेटे की दो जन्मतिथि को लेकर चार्ज फ्रेम होने से उनकी मुश्किल बढ़ेंगी.