लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया सरेंडर

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द लीडर | लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने सरेंडर कर दिया है। आशीष को दोबारा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी की जेल में भेज दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र की जमानत खारिज कर दी थी। साथ ही एक सप्ताह में हाजिर होने के लिए कहा था। वहीं, दिए गए समय से एक दिन पहले आज रविवार को अचानक रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने आशीष ने सरेंडर किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा था

इससे पहले लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा था। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना। उन्हें जल्दबाजी में जमानत दी गई। चीफ जस्टिस एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ द्वारा 18 अप्रैल को यह फैसला सुनाया गया था।


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आरोपी को भेजा गया जेल

सोमवार को कोर्ट की दी गई डेडलाइन की आखिरी तारीख थी, लेकिन इससे ठीक पहले रविवार को ही आशीष मिश्र कोर्ट पहुंचा और अपना सरेंडर किया. जिसके बाद आरोपी को एक बार फिर जेल भेज दिया गया. लखीमपुर खीरी के आरोपी के सरेंडर के बाद इलाके में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है. हालांकि पहले ये कहा जा रहा था कि आरोपी आशीष मिश्र 25 अप्रैल को कोर्ट में सरेंडर करने वाला है.

हाईकोर्ट ने दी जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

बता दें कि लखीमपुर खीरी में चार किसानों को गाड़ी के कुचलने के आरोपी आशीष मिश्र को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एसआईटी ने आशीष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी, साथ ही जमानत का विरोध भी किया था। लेकिन चार महीने जेल में रहने के बाद आरोपी आशीष मिश्र को हाईकोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई।

लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी को जमानत दिए जाने का खूब विरोध हुआ था। किसान संगठनों ने तुरंत उनकी जमानत को खारिज करने की मांग की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि, हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि हाईकोर्ट ने घायलों के पक्ष को किस तरह देखा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. लेकिन 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आशीष मिश्र की जमानत को खारिज कर दिया और आदेश दिया कि वो एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करें।

लखीमपुर में क्या हुआ था ?

लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे काफी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते चली गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।

यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में UP के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई। घटना के बाद उप मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया था। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचला था।

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