द लीडर | इनडायरेक्ट टैक्स रिजीम या अप्रत्यक्ष करों की गवर्निंग बॉडी GST काउंसिल ने 143 सामानों के दाम बढ़ाने के लिए राज्यों से सलाह मांगी है. इन 143 में से 92 प्रतिशत सामानों को 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब से निकालकर 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है. राज्यों से इन सुझाव पर सहमति बन जाती है तो आम आदमी को महंगाई आगे और परेशान कर सकती है. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसको लेकर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘भाजपा है तो यही मुमकिन है.’
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, अभी गर्मी और महंगाई और झुलसायेगी. मोदी सरकार ने रोज़मर्रा की 143 वस्तुओं पर GST बढ़ाने का फ़ैसला लिया ताकि हर महीने ₹1,42,000 करोड़ से अधिक वसूली हो. उन्होंने आगे लिखा, क्या फ़र्क़ पड़ता है अगर- जेब में पैसा नहीं, बजट बिगड़ गया है. क्योंकि… भाजपा है तो यही मुमकिन है.
अभी गर्मी और महंगाई और झुलसायेगी !
मोदी सरकार ने रोज़मर्रा की 143 वस्तुओं पर GST बढ़ाने का फ़ैसला लिया ताकि हर महीने ₹1,42,000 करोड़ से अधिक वसूली हो।
क्या फ़र्क़ पड़ता है अगर –
• जेब में पैसा नहीं
• बजट बिगड़ गया है
क्योंकि…भाजपा है तो यही मुमकिन हैhttps://t.co/RcP0pX4UjG— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 24, 2022
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क्या-क्या हो रहा है महंगा
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 143 चीजों में पापड़, गुड़, पॉवर बैंक, घड़ी, सूटकेस, परफ्यूम, टीवी (32 इंच तक का), चॉकलेट, कपड़े, गॉगल्स, फ्रेम, वाशबेसिन, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, हैंड बैग्स, च्यूइंग गम, नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक, चश्मा और चमड़े की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने यह सुझाव दिया है कि इसमें से करीब 92 प्रतिशत आइटम्स के दाम 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स स्लैब से हटाकर करीब 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में कर दिया जाए. इसके साथ ही कई चीजों को Exempt List से हटाकर टैक्स के दायरे में लाने पर भी विचार किया जा रहा है. आपको बता दें कि GST काउंसिल नवंबर 2017 और 2018 में जिन चीजों के जीएसटी के दामों में कटौती की थी उसे भी वापस ले सकती है.
2017-2018 में दाम कम किये गये थे, अब फिर बढाए जाएंगे
खबर के मुताबिक, जिन सामानों के दाम नवंबर 2017 और दिसंबर 2018 की मीटिंग में कम करे गए थे, अब उन्हें बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. परफ्यूम्स, लेदर के कपड़े और सामान, चॉकलेट, कोको पाउडर, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, पटाखे, फर्श कवर करने वाले प्लास्टिक्स, लैंप्स, साउंड रिकॉर्ड करने के सामानों के दाम नवंबर 2017 में गुवाहाटी की मीटिंग में कम किए गए थे. ऐसे ही टीवी, मॉनिटर (32 इंच से छोटा), डिजिटल और वीडियो कैमरा रिकॉर्डर, पावर बैंक्स के दाम दिसंबर 2018 की मीटिंग में कम किए गए थे, जो अब बढ़ाए जा सकते हैं.
28 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है
लेदर के सामान, घड़ियां, रेज़र्स, चॉकलेट, वैफल्स, कोको पाउडर, नॉन एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स, हैंड बैग्स, अब इन्हें लग्ज़री सामानों की श्रेणी में गिना जाएगा. इन पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया जा सकता है. इसके अलावा घर बनाने के सामान सिरेमिक सिंक्स, वॉश बेसिन, प्लाईवुड, दरवाज़े, खिड़कियां, बिजली के सामान जैसे स्विच और सॉकेट पर भी 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा.
महंगाई से लोग पहले ही परेशान
फिलहाल महंगाई से लोगों की हालत खस्ता है. थोक महंगाई मार्च 2022 में 14.55 प्रतिशत रही, जबकि खुदरा महंगाई पिछले 17 महीने में 6.95 फीसदी के सबसे ऊंचे स्तर पर दर्ज की गई. इधर सरकार का GST कलेक्शन तेजी से भागता हुआ नज़र आ रहा है. मार्च 2022 में 1.42 लाख करोड़ GST कलेक्शन दर्ज हुआ, जो कि मार्च 2021 के कलेक्शन से 14.7 प्रतिशत ज्यादा है. जबकि मार्च 2020 के कलेक्शन से 45.6 फीसदी ज्यादा है.